चार्ली हेब्दो के संपादक ने कहा था, 'घुटनों के बल जीने से अच्छा है मरना'
चार्ली हेब्दो के संपादक स्टीफेन कारबोनियर तमाम धमकियों और सुरक्षा के लिए खतरे के बावजूद पत्रिका की रीति-नीति बदलने के लिए तैयार नहीं हुए। एक बार उन्होंने कहा था कि घुटनों के बल जीने के बजाय खड़े रहकर मरना पसंद करुंगा। उनका कहना था कि वह फ्रांसीसी कानून के तहत
पेरिस। चार्ली हेब्दो के संपादक स्टीफेन कारबोनियर तमाम धमकियों और सुरक्षा के लिए खतरे के बावजूद पत्रिका की रीति-नीति बदलने के लिए तैयार नहीं हुए। एक बार उन्होंने कहा था कि घुटनों के बल जीने के बजाय खड़े रहकर मरना पसंद करुंगा। उनका कहना था कि वह फ्रांसीसी कानून के तहत रहते हैं, न कि कुरान के कानून के तहत। कारबोनियर कई चरमपंथी गुटों के साथ-साथ अलकायदा के भी निशाने पर भी थे। अलकायदा की हिट लिस्ट में वह नौवें नंबर पर थे। यह लिस्ट इस गुट की पत्रिका में उनके फोटो के साथ छपी थी।
आतंकियों को मिला था आला दर्जे का प्रशिक्षण
पत्रिका चार्ली हेब्दो पर हमला करने वाले आतंकियों को हमले के लिए उच्च स्तर का प्रशिक्षण हासिल था। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पता चला कि वह सधे हुए निशाने बाज और डबल टैप तकनीक के माहिर थे। करीब की इमारत के पीछे से निकलकर सड़क पार करते हुए आतंकियों ने पहले दूर से ही एक पुलिस वाले के सिर में गोली मारी। बिना गोलियां बर्बाद किए उन्होंने सेना की डबल टैप तकनीक का इस्तेमाल किया। फुल आटोमैटिक मशीनगन होने के बावजूद उन्होंने उसे सेमी-आटोमैटिक मोड पर चलाया ताकि कम गोलियों से अधिक से अधिक लोगों को निशाना बनाया जाए। तीन हमलावरों में एक हमलावर दो अन्य का कवर बनके चल रहा था।
आइएस ने जताई खुशी
बेरुत। आतंकी गुट आइएस ने पेरिस में हुए आतंकी हमले पर खुशी जताई है। इराक और सीरिया में आतंक फैलाने वाले इस गुट ने कहा कि इस्लाम के शेरों ने पैगंबर के अपमान का बदला ले लिया है। सीरियाई आतंकी अबू मोसाब ने कहा कि उनके शेरों की ओर से ये बूंद भर है। उसके लड़ाके आगे ऐसे और हमले करेंगे।
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