भारत को काले धन की जानकारी देगा स्विटजरलैंड
विदेश में जमा भारतीयों के काले धन का पता लगाने के दिशा में भारत सरकार को एक बड़ी सफलता मिली है। स्विटजरलैंड ने बुधवार को कहा कि वह बैंकिंग क्षेत्र की जानकारी से जुड़े भारत के अनुरोध पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करेगा और समयबद्ध ढंग से उसका ब्योरा देगा।
बर्न। विदेश में जमा भारतीयों के काले धन का पता लगाने के दिशा में भारत सरकार को एक बड़ी सफलता मिली है। स्विटजरलैंड ने बुधवार को कहा कि वह बैंकिंग क्षेत्र की जानकारी से जुड़े भारत के अनुरोध पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करेगा और समयबद्ध ढंग से उसका ब्योरा देगा।
भारत की ओर से अनुरोध किए जाने पर स्विटजरलैंड के अधिकारी बैक खातों की असलियत की पुष्टि करने में भी सहायता करेंगे। आग्रह करने पर वैसी सूचनाएं जो बैंकों से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें भी तत्काल मुहैया करा देंगे। कर मामलों पर स्विटजरलैंड व भारत के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि स्विटजरलैंड के सक्षम प्राधिकारी भारतीय पक्ष को मांगी गई जानकारी समयबद्ध ढंग से मुहैया कराएंगे या उन कारणों का संकेत देंगे कि ऐसे मामलों का तय समय सीमा में क्यों नहीं जवाब दे सकते।
बर्न में भारत के राजस्व सचिव शशिकांत दास व स्विटजरलैंड के उनके समकक्ष जेडी वाट्विले के बीच बैठक के बाद यह सहमति बनी। दोनों के बीच आपसी व बहुस्तरीय कर और वित्ताीय मुद्दों पर बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने पर भी सहमति बनी। दास ने भारत द्वारा कर चोरी के मुद्दे से निपटने को उच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। कानून के दायरे में दोनों देशों ने कर चोरी व जालसाजी रोकने की प्रतिबद्धता भी जताई।
गौरतलब है कि कहा जा रहा है कि भारतीयों का कथित रूप से स्विटजरलैंड के बैंकों में बहुत अधिक काला धन है और इसे लेकर देश में राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है। स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारतीयों की स्विस बैंकों में 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं, जो उसके पहले के साल से 42 फीसद अधिक है। बुधवार की बैठक के नतीजे को बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले एचएसबीसी की कथित सूची के बारे में भारत के आग्रह को स्विटजरलैंड बार-बार ठुकराता रहा है।

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