Move to Jagran APP

बातचीत के लिए भाजपा सरकार को आएगी सद्बुद्धि : मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि भारत में पाकिस्तान विरोधी भावना और धार्मिक असहिष्णुता के बावजूद भाजपा सरकार को पड़ोसी देश के साथ बातचीत बहाल करने की 'सद्बुद्धि आएगी'।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2015 02:56 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2015 05:41 AM (IST)

कराची। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि भारत में पाकिस्तान विरोधी भावना और धार्मिक असहिष्णुता के बावजूद भाजपा सरकार को पड़ोसी देश के साथ बातचीत बहाल करने की 'सद्बुद्धि आएगी'। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस और भाजपा दोनों के साथ काम किया है। लंबित मुद्दों के समाधान के लिए निरंतर बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है।

loksabha election banner

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक 'नाइदर ए हॉक नॉर ए डव' के विमोचन के दौरान सोमवार को उन्होंने यह बात कही। इस दौरान भारत के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी भी उपस्थित थे। पिछले महीने मुंबई में कसूरी के पुस्तक विमोचन से पहले शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख फेंक दी थी।

मुशर्रफ ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत-पाक संबंध अच्छे थे और कई विवादों का समाधान होने वाला ही था। उन्होंने कहा कि दोनों नौसेना ने सर क्रीक का रेखांकन कर लिया था और सियाचिन में रेखांकन की तैयारी थी। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि इतने निकट पहुंचने के बाद भी मामलों का निपटारा नहीं हो पाया।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उनके कार्यकाल में कश्मीर मुद्दे को लेकर चार प्रारूपों पर दोनों देशों के बीच करीब-करीब सहमति बन गई थी। इनमें कश्मीर में सेना की मौजूदगी धीरे-धीरे कम करना, स्व-शासन सुनिश्चित करना, एक निगरानी संस्था का गठन करना और आवाजाही के लिए छह रास्ते खोलकर नियंत्रण रेखा को अप्रासंगिक बनाना शामिल था। अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों शांति के लिए ईमानदारी से प्रयासरत थे। 1999 के कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए मुशर्रफ ने कहा कि यह एक सैन्य विजय थी जो राजनीतिक हार के रूप में तब्दील हो गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.