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    ओबामा के भारत दौरे का मकसद चीन को रोकना

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Mon, 26 Jan 2015 08:16 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे भारत दौरे से सतर्क चीन इस यात्रा पर नजदीक से नजर रख रहा है। इस बीच वहां के आधिकारिक थिंक टैंक का मानना है कि ओबामा की इस यात्रा का मकसद चीन को रोकना है लेकिन भारत इस झांसे में नहीं फंसेगा।

    बीजिंग। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे भारत दौरे से सतर्क चीन इस यात्रा पर नजदीक से नजर रख रहा है। इस बीच वहां के आधिकारिक थिंक टैंक का मानना है कि ओबामा की इस यात्रा का मकसद चीन को रोकना है लेकिन भारत इस झांसे में नहीं फंसेगा।

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    ओबामा का भारत दौरा चीन के सरकारी सीसीटीवी चैनल की सुर्खियों में रहा। हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ओबामा के स्वागत की तस्वीरें यहां लाइव प्रसारित की गई। साथ ही यह भी बहस चलती रही कि इसका चीन पर क्या असर होगा और क्या इस दौरे का मकसद क्षेत्र में बढ़ते चीनी प्रभाव को रोकना है।

    चीन के दृष्टिकोण से ओबामा की इस यात्रा का महत्व समझाते हुए रेमिन यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ प्रोफेसर वांग येई ने कहा कि भारत के दूसरे दौरे पर आने वाले ओबामा अमेरिका के पहले राष्ट्रपति हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद भारत के साथ रिश्तों में अपनी कूटनीतिक छाप छोड़ने का भी है। साथ ही अमेरिका की नजर में भारत उसकी तथाकथित हिंद-प्रशांत कूटनीति का अहम हिस्सा है।

    वांग येई ने कहा,'बेशक अमेरिका की रणनीति भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की है। लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि भारत को रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में अमेरिकी सहयोग की जरूरत है, क्योंकि वह आतंकवाद और अलगाववाद का लंबे समय से सामना कर रहा है। उसे अमेरिका से पूंजी निवेश की भी आवश्यकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा का मकसद चीन और रूस के प्रभाव को कम करना भी है।

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