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बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी प्रमुख को फांसी की सजा

बांग्लादेश की विशेष अदालत ने कट्टरपंथी दल जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी को फांसी की सजा सुनाई है। निजामी को 1971 में पाकिस्तान से

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 09:52 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 09:59 AM (IST)
बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी प्रमुख को फांसी की सजा

ढाका। बांग्लादेश की विशेष अदालत ने कट्टरपंथी दल जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी को फांसी की सजा सुनाई है। निजामी को 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई के दौरान युद्ध अपराधों का दोषी पाया गया है।

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निजामी को तीन जजों की पीठ के प्रमुख जज एम. इनायतुर रहीम ने सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि निजामी के अपराधों की गंभीरता इतनी अधिक है कि वह मौत से कम की सजा का हकदार नहीं है। इस बीच सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद पार्टी ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। पार्टी की वेबसाइट पर बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से शुक्रवार सुबह छह बजे तक और रविवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक बंद का आह्वान किया गया है। पार्टी ने निजामी पर लगे आरोपों को पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद बताते हुए अदालत के फैसले को मानने से इन्कार किया है।

जमात नेता के खिलाफ लगाए गए युद्ध अपराध के 16 आरोपों में से आठ साबित हो गए। पूर्व उद्योग एवं कृषि मंत्री निजामी पर 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई के दौरान नरसंहार, हत्या, दुष्कर्म तथा संपत्ति को क्षति पहुंचाने के मामले दर्ज किए गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि निजामी सजा के समय अदालत में मौजूद था। जजों द्वारा करीब एक घंटे तक 204 पन्नों का फैसला सुनाए जाने तक वह भावशून्य खड़ा रहा।

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