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मोदी के बयान से उत्साहित बलूच नेताअों ने अब US-यूरोप से मांगा समर्थन

बलूच नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष खलील बलूच ने कहा कि विश्व को समझना चाहिए कि पाकिस्तान द्वारा धार्मिक आतंकवाद की नीति को औजार के तौर पर इस्तेमाल करने के दूरगामी दुष्परिणाम होंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2016 03:54 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2016 07:19 PM (IST)
मोदी के बयान से उत्साहित बलूच नेताअों ने अब US-यूरोप से मांगा समर्थन

वाशिंगटन, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन से उत्साहित बलूच नेताओं ने दमनकारी पाकिस्तानी शासन के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय देशों से समर्थन की मांग की है। बलूच नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान कश्मीर में तो आत्मनिर्णय और स्वशासन की मांग करता है, लेकिन बलूचिस्तान में ऐसी ही मांग को ताकत के बल पर कुचलने में जुटा है।

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इससे पाकिस्तान के दोहरे मानक और क्षेत्र की शांति एवं स्थायित्व को खत्म करने के उसके खतरनाक इरादे जाहिर होते हैं।बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष ब्रह्मदाग बुग्ती ने एक बयान में कहा कि कश्मीर में विध्वंसकारी गतिविधियों और भारत में मुंबई व पठानकोट जैसे आतंकी हमलों में पाकिस्तान की सीधी भूमिका का पहले ही पर्दाफाश हो चुका है। ब्रह्मदाग बुग्ती राष्ट्रवादी बलूच नेता नवाब अकबर बुग्ती के पोते हैं। नवाब अकबर बुग्ती पाकिस्तानी सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।

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ब्रह्मदाग ने कहा कि बलूच लोगों की आवाज उठाना भारत सरकार की अस्थायी प्रतिक्रिया या अल्पकालिक रणनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह भारतीय विदेश नीति का बेहद गंभीर हिस्सा होना चाहिए। यही नहीं, भारतीय लोगों को अपने उत्पीडि़त बलूच भाइयों-बहनों का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलूच अभियान और दुनियाभर के उत्पीडि़त लोगों को अभी तक भारत सरकार का वह फैसला याद है, जब 1970 में पाकिस्तानी बर्बरता से बंगाली लोगों को बचाने के लिए भारत ने हस्तक्षेप किया था।बलूच नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष खलील बलूच ने कहा, 'दुनिया को यह समझना होगा कि पाकिस्तान के धार्मिक आतंकवाद को नीतिगत हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के काफी दूरगामी परिणाम होंगे।

आतंकवाद को सहन नहीं किया जा सकता, बल्कि इसका प्रभावी तरीके से मुकाबला करने की जरूरत है। बलूच राष्ट्र को उम्मीद है कि अमेरिका और यूरोप भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देंगे और बलूचिस्तान पर कब्जे के 68 सालों व अपनी आजादी के लिए लड़े पांच युद्धों में बलूच राष्ट्र के खिलाफ मानवता और युद्ध अपराध के लिए पाकिस्तान को उत्तरदायी बनाएंगे।' उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में जातीय सफाए और नरसंहार जैसे पाकिस्तान के युद्ध अपराधों के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उदासीनता चिंतित करने वाली है।

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