ड्रैगन नहीं बना पाने पर वैज्ञानिकों ने लड़की से मांगी माफी
ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी ने आग उगलने वाला ड्रैगन बनाने में असमर्थता जाहिर करते हुए सात साल की एक लड़की से माफी मांगी है। अपनी तरह के इस दुर्लभ माफीनामे में एजेंसी ने पौराणिक चरित्रों पर अनुसंधान की कमी की बात कही है। कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सीएसआइआरओ) को लिखे अपने पत्र म
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी ने आग उगलने वाला ड्रैगन बनाने में असमर्थता जाहिर करते हुए सात साल की एक लड़की से माफी मांगी है। अपनी तरह के इस दुर्लभ माफीनामे में एजेंसी ने पौराणिक चरित्रों पर अनुसंधान की कमी की बात कही है।
कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सीएसआइआरओ) को लिखे अपने पत्र में सोफिया नाम की इस बच्ची ने विनम्रता पूर्वक पूछा था कि क्या वे उसके लिए उसके जैसा पंख वाला एक पालतू ड्रैगन बना सकते हैं। उसने आगे लिखा, 'वह अगर मादा हुई तो मैं उसका नाम टूथलेस रखूंगी और अगर नर हुआ तो मैं उसे स्टूअर्ट बुलाऊंगी।' सोफिया ने अपने पत्र में वादा किया था कि वह उसे रोजाना मछली खिलाएगी और स्कूल नहीं जाने पर उसके साथ खेलेगी। बच्चों की लोकप्रिय किताब 'हाउ टू ट्रेन योर ड्रैगन' में टूथलेस एक आग उगलने वाले ड्रैगन का नाम है जो एक बच्चे का दोस्त बन जाता है।
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सीएसआइआरओ ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ड्रैगन नहीं होते हैं। पिछले 87 वर्षो में हम ना ही ड्रैगन बना पाए हैं और न ड्रैगन के अंडे। हमारे वैज्ञानिकों ने ड्रैगनफ्लाइज और मेली (एक तरह की छिपकली) ड्रैगन पर अध्ययन किया है, लेकिन हम अभी तक आग उगलने वाले ड्रैगन के बारे में कुछ नहीं जानते। ऑस्ट्रेलिया में ऐसा होना मुमकिन नहीं। इसके लिए हम माफी मांगते हैं।' सीएसआइआरओ ने ड्रैगन के आग उगलने के पक्ष पर ध्यान दिलाने के लिए सोफिया को धन्यवाद भी किया। वेबसाइट के मुताबिक, दुनियाभर के शोधकर्ता ड्रैगन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या वास्तव में आग उगलने वाले ड्रैगन होते थे और अगर होते थे तो उनमें आग कहां से आती थी।
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