दो हफ्तों में म्यांमार से 2.7 लाख रोहिंग्या मुस्लिमों का पलायन
संयुक्त राष्ट्र के दावे के जवाब में म्यांमार का कहना है कि अक्टूबर 2016 में पुलिस और सेना पर आतंकी हमले जारी हैं।
जेनेवा, रायटर। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों पर काम करने वाली समिति का दावा है कि पिछले दो हफ्तों में म्यांमार से 2,70,000 अल्पसंख्यकों ने पलायन किया। इनमें ज्यादातर रोहिंग्या मुस्लिम हैं और वे भागकर बांग्लादेश आए। बांग्लादेश के दो शिविरों में ये शरणार्थी रह रहे हैं, जहां पर उनकी बुरी दशा है। म्यांमार में 25 अगस्त को हुए आतंकियों के हमले के बाद वहां के मलवासियों ने सेना के साथ मिलकर रोहिंग्या मुसलमानों को निशाना बनाया।
संयुक्त राष्ट्र के दावे के जवाब में म्यांमार का कहना है कि अक्टूबर 2016 में पुलिस और सेना पर आतंकी हमले जारी हैं। रोहिंग्या मुस्लिम दूसरे धर्मो के अनुयायियों की हत्या कर रहे हैं और उनके घर जला रहे हैं। सेना जब आतंकियों के खिलाफ अभियान चला रही है तो वे रोहिंग्या आबादी को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके घरों में आग लगाकर सरकार को बदनाम कर रहे हैं।
जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी समिति की ओर जारी बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के दो शरणार्थी शिविरों में 25 अगस्त से पूर्व 34 हजार रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे थे। लेकिन बीते दो हफ्तों में यहां पर शरणार्थियों की संख्या 70 हजार को पार कर गई है। वहां पर जमीन और छत कम पड़ गई है। आने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं की है। उनमें बहुत सी नवजात शिशुओं के साथ आई हैं। वे भूखी और कमजोर हैं। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भागकर आए लोगों की संख्या तीन लाख तक पहुंच सकती है। ये जंगल, नदी और समुद्र के रास्ते से दूसरे देशों में पहुंच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि म्यांमार में करीब 11 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं।
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