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जापान में फिर आया भूकंप, जानिए- बार-बार जापान में क्यों आता है भूकंप?

भूकंप के लिहाज से जापान बेहद संवेदनशील देश है। इसका कारण है यहां मिलने वाली धरती की सबसे अशांत टेक्टोनिक प्लेट्स।

By Atul GuptaEdited By: Published: Fri, 15 Apr 2016 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 16 Apr 2016 10:28 AM (IST)
जापान में फिर आया भूकंप, जानिए- बार-बार जापान में क्यों आता है भूकंप?

नई दिल्ली (जेएनएन)। जापान फिर एक बार भूकंप के झटकों से हदल उठा है। रियेक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6 के आसपास मांपी गई है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र कुमामोती शहर से 11 किलोमीटर पूर्व में था।
भूकंप से अबतक नौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकड़ो लोग घायल बताए जा रहे है।

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जापान में बार बार क्यों आता है भूकंप?

पिछले कुछ सालों में आपने जापान में कई बार भूकंप आने की खबरें पढ़ी और सुनी होगी और शायद आपके भी दिमाग में ये सवाल आता होगा कि आखिर जापान में ही बार बार भूकंप क्यों आता है?

दरअसल भूकंप के लिहाज से जापान बेहद संवेदनशील देश है। इसका कारण है यहां मिलने वाली धरती की सबसे अशांत टेक्टोनिक प्लेट्स। ये प्लेटें एक अभिकेंद्रित सीमा बनाती हैं, जिसके कारण ये क्षेत्र दुनिया के सर्वाधिक भूकंपों का केन्द्र बन जाता है। यहां पर पेसिफिक प्लेट, फिलिपींस प्लेट और अमरीकी प्लेट के नीचे जा रही है। यही कारण है कि जापान में हर साल छोटे-बड़े करीब एक हजार भूकंप आते हैं। जापान पेसिफिक रिंग ऑफ फायर के क्षेत्र में आता है। इस रिंग ऑफ फायर का असर न्यूजीलैंड से लेकर अलास्का, उत्तर अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका तक होता है। रूस, अमेरिका, कनाडा, पापुआ न्यू गिनी, पेरू और ताइवान जैसे देश भी इसी सीमा में आते हैं।


भूकंप को लेकर मजबूत है मॉनेटरिंग सिस्टम

जापान चूंकि भूकंप का केंद्र हैं इसलिए जापान में भूकंप की मॉनिटरिंग करने का सिस्टम काफी मजबूत और अपडेट है। जापान की मेट्रोलॉजिकल एजेंसी जापान को छह स्तरों लगातार और हर पल मॉनिटर करती रहती है। सुनामी वार्निंग प्रणाली भी इसी एजेंसी के तहत काम करती है।


सुनामी और भूकंप मॉनिटरिंग प्रणाली के तहत सिसमिक स्टेशन (प्लेटों में बदलाव पर नजर रखने वाला स्टेशन) के साथ साथ छह रीजनल क्षेत्रों पर नजर रखती है। इसकी बदौलत (JMA) केवल तीन मिनट के भीतर ही भूकंप और सुनामी की चेतावनी पूरे देश में जारी कर देती है।

जैसे ही भूकंप आता है, कुछ ही सैकेंड में भूकंप का केंद्र, रिक्टर स्केल और मेग्नीट्यूड संबंधी सारी जानकारी तुरंत ही देश के सभी टीवी चैनलों पर जारी कर दी जाती है। इसी के साथ अगर सुनामी का खतरा है तो सुनामी की चेतावनी भी जारी होती है और कहां कहां खतरा है, सभी लोकेशन नेशनल टीवी पर बताए जाते हैं।

कुल मिलाकर टीवी पर ये जानकारी साठ सैकेंड के भीतर जारी की जाती है ताकि जनता भूकंप के खतरे को समझकर बचाव पर ध्यान दे। कई क्षेत्रों में लाउडस्पीकर लगाए गए हैं ताकि आपदा की जानकारी दी जा सके।

पिछले कुछ समय से जापान में लगातार आ रहा है भूकंप

- इस महीने की पहली तारीख को भी जापान में भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता भी रियेक्टर स्केल पर 6 मापी गई थी। इस घटना में किसी जानमाल के नुकसान की खबर नही मिली थी।

- 14 जनवरी को होक्कइदो के दक्षिणी छोर पर उराकावा शहर के नजदीक भूकंप आया था जिसकी प्रारंभिक तीव्रता 6.7 थी। भूकंप समुद्री तल के नीचे 50 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था।

- 14 नवंबर 2015 को भी दक्षिण पश्चिमी जापान के क्यूशू तट पर 7.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसके बाद कोगोशिमा प्रांत के दक्षिणी हिस्से में सुनामी की हल्की लहरें उठीं थी हालांकि मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने इस दौरान सुनामी की संभावना से इनकार किया था।

- 12 सितंबर को भी जापान के शहर टोक्यो में भूकंप के झटके महसूस कियए गए थे। हालांकि इसकी तीव्रता 5.4 थी और इस घटना में भी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली थी।

साल 2011 में जापान में आया था सबसे शक्तिशाली भूकंप

मार्च 2011 में जापान में 9 तीव्रता वाले भूकंप और उसके बाद सूनामी ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान बड़े स्तर पर जानमाल का नुकसान हुआ था। भूकंप में 15 हज़ार से ज्यादा की मौत और 6 हज़ार से ज्यादा घायल हुए थे जबकि 3 हज़ार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। आपको बता दें कि यह 25 सालों में घटित हुई सबसे भीषण परमाणु आपदा थी। वर्ष 2011 में समुद्र में 9.0 तीव्रता के भीषण भूकंप की वजह से जबर्दस्त लहरें उठी थीं, जिसने स्कूलों सहित समूचे इलाके को लील लिया था।

पढ़ें- जापान में भूकंप के तेज झटके, 9 की मौत 800 घायल


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