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    मोदीनॉमिक्स से अभिभूत हुए अमेरिकी थिंक टैंक

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    Updated: Thu, 04 Sep 2014 09:52 PM (IST)

    सत्ता संभालने के पहले सौ दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए जो कदम उठाए हैं, अमेरिकी थिंक टैंक उन्हें सही दिशा में मान रहे हैं। अमेरिका के अर्थविदों का मानना है कि जिस तरह से मोदी ने गुजरात में बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं की राह आसान की थी, अ

    वाशिंगटन से लौटकर जयप्रकाश रंजन। सत्ता संभालने के पहले सौ दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए जो कदम उठाए हैं, अमेरिकी थिंक टैंक उन्हें सही दिशा में मान रहे हैं। अमेरिका के अर्थविदों का मानना है कि जिस तरह से मोदी ने गुजरात में बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं की राह आसान की थी, अगर वह वैसा ही राष्ट्रीय स्तर पर कर पाते हैं तो भारत की आर्थिक विकास दर फिर से कुलांचे भर सकती है। वैसे इन विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मोदी को अभी कई ऐसे फैसले भी करने होंगे, जिनसे विरोधी दलों की त्योरियां चढ़ सकती हैं।

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    अमेरिका के प्रख्यात अर्थशास्त्री व आर्थिक थिंक टैंक ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन के सीनियर फेलो बैरी बोसवर्थ का कहना है कि दो-तीन दशक पहले भारत वैश्विक आर्थिक विकास की बस मिस कर चुका है। तब चीन ने बाजी मार ली थी और तेज आर्थिक विकास की मिसाल कायम की। इससे वहां करोड़ों लोगों को गरीबी से निजात दिलाने में मदद मिली। लेकिन अब उम्मीद की जानी चाहिए कि नई सरकार की वजह से भारत इस बार मौका नहीं गंवाएगा। अमेरिका में भले ही विकास की दर अब बेहद कम हो, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ सकती है। मोदी सरकार ने कुछ अहम फैसले किए हैं, लेकिन वहां रोजगार सृजन पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। बोसवर्थ की मोदी सरकार को सलाह है कि उसे रोजगार मुहैया कराने को अपना सबसे मूल मंत्र बना लेना चाहिए।

    अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स की निदेशक एमी हरियानी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका का उद्योग जगत एक ऐसे नेता के तौर पर जानता है जो कारोबार को बढ़ावा देता है। सत्ता संभालने के बाद उन्होंने जो घोषणाओं की हैं वे भी काफी उम्मीदों भरी हैं। अमेरिकी कारोबारी उम्मीद करते हैं कि जिस तरह की दिक्कतों का सामना उन्हें भारत में पिछले कुछ वर्षो में करना पड़ रहा था, वह अब नहीं करना पड़ेगा। मोदी ने विश्व बिरादरी के सामने यह तो साफ कर ही दिया है कि भारत में अब कारोबार के लायक माहौल है। इलिनॉयस वाणिज्य विभाग के उप निदेशक डेनियल गॉफ के मुताबिक सबसे अच्छी बात यह है कि मोदी सरकार ने यह दिखाने की कोशिश की है कि वह व्यवस्था को सुधारने को लेकर गंभीर हैं। साथ ही गुजरात में उनका रिकॉर्ड भी अमेरिका के मन में भरोसा जगाता है।

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