अमेरिकी बंधक ल्यूक को बचाने की सारी कोशिशें हुईं नाकाम
यमन में अलकायदा समर्थित आतंकियों के कब्जे से अमेरिकी बंधक ल्यूक सोमर्स को बचाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। सैन्य कार्रवाई से बौखलाए आतंकियों ने सोमर्स और एक अन्य अफ्रीकी बंधक पियरे कोरकी को मौत के घाट उतार दिया।
सना, रायटर। यमन में अलकायदा समर्थित आतंकियों के कब्जे से अमेरिकी बंधक ल्यूक सोमर्स को बचाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। सैन्य कार्रवाई से बौखलाए आतंकियों ने सोमर्स और एक अन्य अफ्रीकी बंधक पियरे कोरकी को मौत के घाट उतार दिया। निवर्तमान अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने आतंकियों के हाथों सोमर्स और पियरे के मारे जाने की पुष्टि कर दी है।
सैन्य कार्रवाई में नौ आतंकी मारे गए हैं। 33 वर्षीय पत्रकार ल्यूक सोमर्स को सितंबर 2013 में आतंकियों ने बंधक बनाया था। यह कार्रवाई शाबवा प्रांत के वादी अबदान अल दक्कार क्षेत्र में की गई। कार्रवाई में मुबारक अल हराद के नेतृत्व वाले अल कायदा समर्थित एक आतंकी समूह को निशाना बनाया गया था। सुरक्षा मामलों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई के दौरान हवाई हमले के साथ-साथ यमन और अमेरिकी सेना ने आतंकियों के एक ठिकाने पर छापा मारा।
सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी कमांडो को सोमर्स गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले थे। उन्हें तुरंत ही हवाई रास्ते से ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। सोमर्स की बहन लूसी सोमर्स ने बताया कि एफबीआइ एजेंटों द्वारा उसे अपने भाई के मारे जाने की खबर मिली है। कार्रवाई के दौरान मारे गए दूसरे बंधक की पहचान राहत दल गिफ्ट ऑफ गिवर्स ने दक्षिण अफ्रीकी शिक्षक पियरे कोरकी के रूप में की। यमन के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार आतंकियों के पास अब भी ब्रिटेन, टर्की और यमन के तीन नागरिक बंधक हैं।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकियों की इस बर्बरता की निंदा की और कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इसके लिए सभी संभव सैन्य और कूटनीतिक रास्ते अपनाए जाएंगे। ओबामा ने मारे गए अफ्रीकी बंधक के परिवार को भी सहायता की पेशकश की। अमेरिकी गृहमंत्री जॉन केरी और निवर्तमान रक्षामंत्री चक हेगेल ने कहा कि आतंकी ठिकाने पर छापा मारने की कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि आतंकियों ने सोमर्स को मारने की धमकी दी थी।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते आतंकियों की ओर से जारी वीडियो में सोमर्स को दिखाया गया था और साथ ही मांगें पूरी न होने पर उन्हें मारने की धमकी दी गई थी। वीडियो सामने आने के बाद अमेरिका और यमन की सेना ने ल्यूक को बचाने के लिए सैन्य कार्रवाई का फैसला किया, लेकिन सारी कोशिशें बेकार गईं।
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