Move to Jagran APP

इनके दर्द को सुनकर कांप उठेगी आपकी भी रुह, हो जाएंगे बेचैन

सीरिया में जारी लड़ाई के बीच व्‍हाइट हेलमेट पहने कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह न कर लोगों को बचाने निकल पड़ते हैं। लेकिन कभी कभी इनमें उनके अपने भी होते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 09 Oct 2016 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 10 Oct 2016 10:13 AM (IST)
इनके दर्द को सुनकर कांप उठेगी आपकी भी रुह, हो जाएंगे बेचैन

अलेप्पो (एएफपी)। सीरिया में पिछले कई वर्षों से जारी युद्ध के बीच व्हाइट हेलमेट पहने सिविल डिफेंस कार्यकर्ता खुद की जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं। हर हवाई हमले के बाद यह लोग उस तरफ दौड़ पड़ते हैं जहां इससे तबाही होती है। यह यहां पर दिन रात काम कर रहे हैं। कई बार दूसरों को बचाते हुए यह लोग खुद भी मुसीबत में फंस जाते हैं। अपने दुखों को भुलाकर यह लोग दूसरों की मदद करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। लेकिन इनके सामने ऐसा मुश्किल समय भी आता है जब मलबे से इन्हीं का ही कोई अपना मौत के आगोश में समानेे के बाद निकाला जाता है।

loksabha election banner

याद कर आज भी भर जाती हैं आंखेंं

यहां पर इस तरह की मुश्किलों से लोगों को अक्सर गुजरना पड़ता है। ऐसा ही वाकया व्हाइट हेलमेट के कार्यकर्ता अबू हसन केे सामने दो माह पहले आया था। इस वाकयेे को बताते हुए हसन की आंखें आज भी भर आती हैं। वह बताते हैं कि हमेशा की ही तरह अलेप्पो पर उस दिन भी भीषण बमबारी हुई थी। बमबारी के बीच उन्हें एसओएस कॉल आया और बमबारी में तबाह हुई जगहों की जानकारी दी गई। वह अपनी टीम के साथ तुरंत वहां के लिए रवाना हो गए थे।

नहीं भूलता है वह दिन

पचास वर्षीय हसन पहले यहां एक बढ़ई का काम करते थे। लेकिन वर्षों से चल रहे युद्ध ने यहां पर सब कुछ तबाह कर दिया। लोगों से अपनों को छीन लिया। इसके बाद इन्होंने लोगों को बचाने की ठानी और व्हाइट हेलमेट पहन लिया। वह बताते हैं कि जब वह अपने साथियों के साथ बमबारी वाली जगह पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहां पर एक युवक का शव खून से बुरी तरह से लथपथ मलबेे में पड़ा था। उसका सिर मलबे में पूरी तरह से दबा हुआ था। इमारते के मलबे से उसके पांव टूट चुके थे, पेट का मांस भी बाहर निकल गया था।

न्यूक्लियर टेस्ट को तैयार उत्तर कोरिया, टेस्ट साइट पर बढ़ी आवाजाही

आंखों के आगे छा गया अंधेरा

साथियों के साथ मिलकर जब उस शव को बाहर निकाला और हसन ने उसके चेहरे को ठीक से देखा तो कुछ समय के लिए उनकी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। वह सब कुछ भूल गए। दरअसल, वह उनका ही बेटा था। वह नहीं जानते थे कि उन्हें अपने बेटे के शव को कभी इस तरह से निकालना होगा या उनका बेटा कभी इस तरह से उन्हें मिलेगा। वह उसका सिर अपने सीने से दबाए घंटो बैठे रहे। उनके सीने में इतना दर्द था कि आंखों से आंसू भी सूख गए थे।

बेटे के शव के साथ अकेले बैठे रहे हसन

हसन बताते हैं कि वह सारी रात अपने बेटे के शव के पास व्हाइट हेेलमेट की ब्रांच में बैठे रहे और उसके सिर को सहलाते रहे। एक बाप के लिए यह वक्त मौत से भी बुरा था। वह बताते हैं कि कभी कभी उनका बेटा भी उनके इस काम में हाथ बटाता था और लोगों को बचाने में उनकी मदद करता था। आज वह असहाय जमीन पर पड़ा था। वह खुद को बड़ी मुश्किल से संभाल पा रहे थे। मन पर काबू पाकर उन्होंने बड़ी हिम्मत की और उसको भारी मन से दफना दिया और फिर अपने काम में जुट गए। वह आज भी उस वक्त को याद कर असहाय महसूस करने लगते हैं। वह बताते हैं कि यह उनके जीवन का सबसे मुश्किल पल था। वह अपनेे आंसुओं को बड़ी मुश्किल से रोक पा रहे थे। इस वाकये के बाद उन्होंने अपने चीफ को उन्हें दूसरी जगह पर भेज देने के लिए भी कहा था।

यमन के हवाई हमले में 140 लोगों की मौत, जांच को तैयार सऊदी अरब

व्हाइट हेलमेट हैडक्वार्टर में लगी है बेटे की फोटो

व्हाइट हेेलमेट के बाब-अल-नारब स्थित हैडक्वार्टर की एक दीवार पर हसन और उनके बेटे की तस्वीर लगी है, जिसके नीचे उनके बेटेे का नाम भी लिखा हुआ है। हसन बताते हैं कि लोगों को रेस्क्यू करते हुए उनके तीन साथियों ने भी अपनी जान गंवाई है। सीरिया में वर्षों से चल रहे युद्ध के दौरान करीब तीन हजार कार्यकर्ताओंं ने अब तक अपनी जान गंवाई है। वह बताते हैं कि कई बार हम लोगों की जान बचाने के लिए जाते हैं, लेकिन वहां खुद हमारी जान पर बन जाती है, ऐसे में लोग हमारी जान बचाने आगे आते हैं।

मशादी के भी सामने आया ऐसा मुश्किल दौर

जिस तरह का मुश्किल समय हसन के सामने आया वैसा ही कुछ एक अन्य व्हाइट हेेलमेट धारी लॉय मशादी के सामने भी आया था, जब वह एक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक इमारत के मलबे में जिंदा लोगों की खोज कर रहे थे। वह बताते हैं कि इस वाकये से वह करीब तीन दिनों तक बैचेन रहे थे। अलेप्पो में पिछले माह हुई बमबारी के बाद उन्होंने काफी मशक्कत के बाद एक नवजात को मलबे के ढ़ेर से जिंदा निकाला था। हालांकि उसकी हालत जरूर नाजुक थी।

दहल गया था दिल

उसे देखकर उनका दिल दहल गया, उनका अपना बच्चा भी उसी उम्र का था। कुछ समय के लिए वह भूल गए थे कि यह उनका बच्चा नहीं है। उस नवजात की पांव की हड्डी टूट चुकी थी और पेट पर भी गहरे जख्म थे, फिर भी वह जिंदा था। उस वक्त उनके आसपास कोई नहीं था। वह उस बच्चे को बचाने के लिए पैदल वहां से भाग निकले। इस बीच उन्होंने एंबुलेंस को भी कॉल किया। लेकिन एंबुलेंस जब तक आई उस नवजात केे प्राण निकल चुके थे। मशादी के हाथों में एक नवजात निर्जीव पड़ा था। वह कुछ नहीं समझ पा रहे थे।

आज तक नहीं भूले उसका चेहरा

वह बताते हैं कि नवजात को न बचा पाने के दुख से वह इस कदर विचलित हुए कि तीन दिनों तक वह खुद को संभाल नहीं सके। हालांकि इस दौरान उनके साथियों ने उनकी पूरी मदद की और फिर वह अपने काम में जुट गए। उन्होंने बताया कि वह उस नवजात के चेहरे को आज तक नहीं भुले हैं। वह उनके हाथों में असहाय था और वह कुछ नहीं कर पाए।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बमबारी

लोगों की जान बचाने वाले मोहम्मद वावी के सामने भी एक समय ऐसा आया था। अपने इस वाकये का जिक्र करते हुए वावी बताते हैं कि पिछले सप्ताह हुए बम धमाकों के बाद वह अपनी रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान इमारत में आग लगी हुई थी और वह अपनी टीम के साथ लोगों को बचाने की जद्दोजहद में लगे थे। तभी वहां पर दोबारा एक बम गिरा जिसमें उनके छह साथी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें बचाने के लिए वावी तुरंत उनकी और भागे और उन्हें एक ट्रक के माध्यम से बचाया।

विचलित कर देती हैं परिस्थितियां

व्हाइट हेलमेट अलेप्पो के ब्रांच चीफ बिबार्स मशाल बताते हैं कि पिछले दो सप्ताह के दौरान व्हाइट हेलमेट के कार्यकर्ताओं, उनके रेस्क्यू ऑपरेशन के इस्तेमाल में आने वालेे वाहनों, एंबुलेंस को बमबारी के दौरान निशाना बनाया गया है। मशाल बताते हैं कि व्हाइट हेलमेट पहने सभी लोग उनकेे परिवार का एक अहम हिस्सा हैं। जहां कहीं इनकी जरूरत होती है यह बिना किसी डर के वहां पर होते हैं। उनके मुताबिक जिन्हें वह अपने काम के दौरान बचाते हैं वह सभी उनके अपने हैं और उन्हें वह एक परिवार की तरह की देखते हैं, लेकिन कई बार परिस्थितियां विचलित कर देती हैं और यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि ऐसा क्यों।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.