फ्रांस पर अलकायदा का खतरा बरकरार
पेरिस में तीन दिन चले खूनखराबे के बाद फ्रांस के सुरक्षा बल बेतहाशा उस महिला आतंकी की तलाश में हैं, जो फरार है। हालांकि 23 लोगों की मौत के बाद भी फ्रा ...और पढ़ें

पेरिस। पेरिस में तीन दिन चले खूनखराबे के बाद फ्रांस के सुरक्षा बल बेतहाशा उस महिला आतंकी की तलाश में हैं, जो फरार है। हालांकि 23 लोगों की मौत के बाद भी फ्रांस के लिए अभी भी खतरा टला नहीं है। आतंकी संगठन अलकायदा ने फ्रांस पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आगे ऐसे और हमले जारी रखने की धमकी भी दी है।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने शनिवार को कहा कि आतंकवादियों का हमला बंद हो गया है लेकिन अभी खतरा बना हुआ है। अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को और आतंकी हमलों के खतरों से आगाह करते हुए सतर्क रहने को कहा है। सुरक्षा एजेंसियों की शुक्रवार को जबरदस्त कमांडो कार्रवाई के बावजूद फ्रांस पर हमले का खतरा बरकरार है क्योंकि संदिग्ध महिला आतंकी 26 वर्षीय हयात बोमिडेन अब भी फरार है। वह शुक्रवार को सुपरमार्केट में मुठभेड़ के बाद भाग गई थी। वहां मारे गए आतंकी काउलीबेली की प्रेमिका है। कहा जा रहा है कि हयात के पास कई खतरनाक हथियार हो सकते हैं।
शार्ली अब्दो पर हमले की ली जिम्मेदारी
आतंकी संगठन अलकायदा की यमन स्थित शाखा ने पेरिस की साप्ताहिक व्यंग्य पत्रिका शार्ली अब्दो के कार्यालय पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। यमन के अलकायदा ने कहा है कि गोलीबारी का मकसद फ्रांस के लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा से अवगत कराना था।
अरब के अलकायदा ने आतंकी संदेश का वीडियो जारी किया :
अरब प्रायद्वीप में अलकायदा (एक्यूएपी) के खूंखार आतंकी ने फ्रांस में फिर हमले की धमकी दी। एक वीडियो जारी करके इसमें आतंकी हारिस अल नजारी ने कहा, 'अगर आप युद्ध छेड़ना चाहते हैं, तो शुभ संदेश का इंतजार करें।' उसने कहा, 'कुछ फ्रांसीसी नागरिक पैगंबर के प्रति शिष्ट नहीं थे और इसीलिए पैगंबर के कुछ बंदे उन्हें यह सिखाने पहुंचे कि पैगंबर से कैसे शिष्ट व्यवहार किया जाए और यह बताया कि अभिव्यक्ति की आजादी की भी कुछ सीमाएं हैं।'
पूरे यूरोप में उठी एकता की लहर
शार्ली अब्दो के कार्यालय पर आतंकी हमले के बाद उठी एकता की लहर के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति समेत यूरोप के नेता फ्रांस के समर्थन में रविवार को पेरिस में एक जन रैली में शामिल होंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और स्पेन के प्रधानमंत्री मरिआनो राजोय भी इस रैली में हिस्सा लेंगे। जर्मनी, इटली, बेल्जियम, पुर्तगाल, पोलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, नार्वे और यूक्रेन के नेताओं ने भी कहा है कि वे इस रैली में हिस्सा लेंगे। इस रैली की सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।

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