'राहुल गांधी मेरी जगह लेते हैं, तो मुझे बेहद खुशी होगी'
मनमोहन सिंह ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से पीछे हटते हुए कहा है, 'जहां तक मेरा सवाल है, अगर राहुल गांधी मेरी जगह लेते हैं, तो मुझे बेहद खुशी होगी। हम तीसरी बार बहुत शानदार तरीके से संप्रग सरकार बनाने को तैयार हैं।'
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मनमोहन सिंह ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से पीछे हटते हुए कहा है, 'जहां तक मेरा सवाल है, अगर राहुल गांधी मेरी जगह लेते हैं, तो मुझे बेहद खुशी होगी। हम तीसरी बार बहुत शानदार तरीके से संप्रग सरकार बनाने को तैयार हैं।' मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही पीएम ने गठबंधन राजनीति में उभरते नए समीकरणों के साफ संकेत भी दे दिए हैं। उन्होंने भाजपा से 17 साल पुराना रिश्ता तोड़ने वाले बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) नेता नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष बताते हुए परोक्ष रूप से दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार कर उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।
कांग्रेस में धीरे-धीरे बढ़ते राहुल के प्रभाव के बाद मनमोहन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर अगली बार कांग्रेस की सरकार बनती है, तो राहुल मेरी जगह संभालें। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष को संप्रग का स्वाभाविक नेता बताते हुए कहा कि उनमें नेतृत्व की सभी योग्यताएं हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राष्ट्रपति भवन में मीडिया से मुखातिब प्रधानमंत्री ने जद (यू) के साथ कांग्रेस के रिश्तों की संभावना पर कहा, 'राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। जैसी परिस्थिति आती है, हम उसी मुताबिक फैसले लेते हैं।' एक धर्मनिरपेक्ष नेता के तौर पर नीतीश पर उठाए जा रहे सवालों पर पीएम ने उन्हें स्पष्ट तौर पर एक सेक्युलर नेता बताया।
प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय आया है, जब मोदी की तारीफ के लिए भाजपा ने नीतीश का बयान जारी किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री यह जोड़ना नहीं भूले कि तीसरी बार भी संप्रग की सरकार बनेगी। तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को नकारते हुए प्रधानमंत्री ने नीतीश को कांग्रेस के साथ आने का संदेश भी दे दिया। उनको दुलारने के साथ ही मनमोहन ने नरेंद्र मोदी को परोक्ष रूप से सांप्रदायिक भी करार दिया। हालांकि, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा, 'पूरा देश जानता है कि वह कहां खड़े हैं।' भाजपा के भीतर मोदी का रुतबा बढ़ने पर कहा कि यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
प्रधानमंत्री से पहले कांग्रेस के नए मीडिया प्रभारी व अन्य नेताओं ने भी नीतीश के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले होने के स्पष्ट संकेत दिए। माकन ने कहा, 'जहां तक गठबंधन का सवाल है, तो इस पर एके एंटनी समिति विचार करेगी। हम लोग समान विचारधारा और धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ मिलकर चलना चाहते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि जो बिहार में हुआ उसका असर देश की राजनीति पर भी होगा। हम इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।' माकन ने यह भी कहा कि यह महज संयोग नहीं कि राहुल गांधी के नेतृत्व में संप्रग का कुनबा बढ़ रहा है, जबकि राजग का सिकुड़ रहा है।
'कांग्रेस को नेताओं के लिए धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र देने का केंद्र खोल लेना चाहिए। जो उनके साथ हैं, वे सेक्युलर हो जाते हैं। अगर राहुल गांधी की प्रतिनियुक्ति पूरी हो गई हो, तो उन्हें बचे समय के लिए पीएम बना देना चाहिए, क्योंकि देश की जनता अगले लोकसभा चुनाव में उन्हें और कांग्रेस को मौका नहीं देगी।' -मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा उपाध्यक्ष
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