नवंबर तक मुद्रास्फीति 9 फीसदी के आस-पास रहेगी
अनुसंधान कंपनी नोमुरा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति के घटकर 6.8 प्रतिशत तक पहुंचने से पहले नवंबर तक उसके नौ प्रतिशत के आसपास बने रहने की आशका है।
नई दिल्ली। अनुसंधान कंपनी नोमुरा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति के घटकर 6.8 प्रतिशत तक पहुंचने से पहले नवंबर तक उसके नौ प्रतिशत के आसपास बने रहने की आशंका है।
एजेंसी ने अपने 'एशिया इकनामिक अलर्ट' के ताजा अंक में कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित सकल मुद्रास्फीति नवंबर तक नौ फीसदी के आसपास रहेगी जिसके बाद हमें उम्मीद है कि यह मार्च 2012 तक मुख्यत: तुलनात्मक आधार की वजह से कम होकर 6.8 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
देश की सकल मुद्रास्फीति दिसंबर 2010 से नौ फीसदी के आस-पास बनी हुई है। नोमुरा ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी दिसंबर से दिखनी शुरू हो जाएगी जबकि उसे मंहगाई दर आठ फीसद होने की उम्मीद है। सितंबर में सकल मुद्रास्फीति 9.72 फीसदी रही। सरकार और रिजर्व बैंक ने इससे पहले आशंका जाहिर की थी कि पिछली छमाही में मुद्रास्फीति उच्चतर स्तर पर बनी रहेगी उसके बाद इसमें कमी होगी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी।
नोमुरा ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि मुख्य मुद्रास्फीति पिछले कुछ महीनों में कम हुई है। हमें उम्मीद है कि आगे यह रुझान बरकरार रहेगा क्योंकि घरेलू और वाह्य दोनों ही मांग कम हो रही है।
गैर खाद्य, निर्माण उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी पर आंकी जाने वाली मुख्य मुद्रास्फीति सितंबर में आंशिक रूप से 7.69 फीसदी से घटकर अगस्त में 7.79 फीसदी हो गई। इसने जून में 7.90 फीसदी का स्तर छुआ।
आरबीआई की अगली पहल के बारे में नोमुरा ने कहा कि हमारा मानना है कि आरबीआई नीतिगत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करेगी, क्योंकि पिछले कुछ महीनों के घटनाक्रम से संकेत मिलता है कि मुख्य मुद्रास्फीति कम हुई है और घरेलू मांग में उल्लेखनीय गिरावट आई है और वैश्विक अर्थव्यवस्था का अल्पकालिक दृष्टिकोण कमजोर है।
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