ओलंपिक से बाहर रहेगा भारत, संशोधित प्रस्ताव खारिज
आइओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद) द्वारा ओलंपिक से बैन किए जाने के बाद से वापसी की जद्दोजहद में जुटे आइओए (भारतीय ओलंपिक संघ) को फिर करारा झटका लगा ह ...और पढ़ें

नई दिल्ली। ओलंपिक में वापसी को लेकर भारत की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के दागी व्यक्तियों के चुनाव पक्रिया में हिस्सा लेने वाले संशोधित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ब्यूनस आयर्स में बुधवार को आइओसी ने अपने 125वें सत्र से पहले कार्यकारी बोर्ड की बैठक में आइओए के प्रस्ताव को ठुकराते हुए यह फैसला किया कि अगर भारत अपने संविधान में बदलाव नहीं करता है तो उस पर ओलंपिक प्रतिबंध जारी रहेगा।
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आइओसी ने अपने बयान में कहा कि वैश्विक संस्था ने आइओए को एक खाका तैयार करके भेजा था और पिछले महीने हुई आइओए की आम सभा में भी पर्यवेक्षक भेजे थे। कार्यकारी बोर्ड ने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट सुनी। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के अनुसार आइओसी ने आइओए के संविधान में जिन संशोधनों का आग्रह किया था, उनमें से अधिकतर को मंजूर कर लिया गया है, लेकिन एक खास शर्त को नहीं माना गया है। यह शर्त विशेष रूप से सदस्यों की योग्यता से संबंधित है और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति में सुशासन लाने के लिए बहुत जरूरी है। निलंबित आइओए को चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले इसको पूरी तरह से स्वीकार करना होगा। आइओसी इस मामले की समयसीमा तय करेगी।
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इससे पहले 25 अगस्त को आइओए ने अपनी विशेष आम सभा में आइओसी के सामने समझौता फार्मूला पेश किया था, जिसमें आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने की छूट देने के लिए कहा गया था। आइओए के प्रस्ताव के अनुसार चुनाव लड़ने से उन्हीं व्यक्तियों को रोका जाए, जिन्हें दो साल से अधिक जेल की सजा मिली हो। पिछले साल दिसंबर में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे ललित भनोट के आइओए का महासचिव चुने जाने के बाद आइओसी ने आइओए को ओलंपिक से निलंबित कर दिया था।
'यह निराशाजनक है कि आइओए ने ओलंपिक चार्टर के मुताबिक संविधान में संशोधन नहीं किया। मैं आइओए से आग्रह करता हूं कि खिलाड़ियों के बारे में सोचते हुए संविधान में बदलाव करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ व्यक्ति राष्ट्र और खिलाड़ियों से ऊपर अपने हितों को तरजीह दे रहे हैं।' - जितेंद्र सिंह, खेल मंत्री
'हम अपने देश के कानून से परे नहीं जा सकते और हमें अपना संविधान इसके अनुसार ही बनाना होगा। हमने आइओसी के प्रतिनिधिमंडल को इस बारे में बता दिया था। वैश्विक संस्था हम पर दबाव नहीं डाल सकती है।' -अभय चौटाला, निलंबित आइओए के अध्यक्ष
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