यहां इशारों-इशारों में होती हैं बातें
इंडोनेशिया में एक गांव है बेंगकला, इस गांव के निवासी पिछली सात पीढिय़ों से मुंह से बोलने की बजाए हाथों के इशारों से ही बातें करते हैं।
इंडोनेशिया में एक गांव है बेंगकला, इस गांव के निवासी पिछली सात पीढिय़ों से मुंह से बोलने की बजाए हाथों के इशारों से ही बातें करते हैं।
आश्चर्य की बात तो यह है कि सिर्फ गांव में रहने वाले ही नही बल्कि कई ऑफिसों में भी इसी तरह से हाथों के इशारों से ही कार्य चलता है। बाहरी लोग तो यहां कम ही आते हैं, इसलिये स्थानीय लोग ही यहां की सारी व्यवस्था संभालते हैं।
सूत्रों के अनुसार इस सांकेतिक भाषा को काटा कोलोक कहा जाता है। यह सांकेतिक भाषा कई सौ साल पुरानी है। इस गांव के अधिकतर लोग बोलने और सुनने में सक्षम नही हैं यहां यह समस्या सामान्य से 15 गुना अधिक है।
यहां जन्म से ही बच्चे सुनने और बोलने की बीमारी से ग्रस्त होते हैं।
यहां कि भौगोलिक स्थिति को इसका कारण बताया गया है। इस गांव को लोग डीफ विलेज के नाम से भी जानते हैं।