Move to Jagran APP

आखिर क्यों इस गांव में रात में नही होती शादी

यहां की शादियों में सुबह 10 बजे के करीब बारात आती है और शाम होते-होते दुल्हन विदा हो जाती है। इस परंपरा से इस गांव के लोग अब तक लाखों रूपए की बचत कर चुके हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 09:04 AM (IST)
आखिर क्यों इस गांव में रात में नही होती शादी
आखिर क्यों इस गांव में रात में नही होती शादी

शादियों में शान-शौकत दिखाने के लिए लोग जमकर पैसा खर्च करते हैं। यहां तक कि इस फिजूलखर्ची के लिए उधार लेने से भी नही चूकते। वहीं हम सबके लिए एक मिसाल है गाजियाबाद जिले का यह गांव अटौर। यहां के इस फिजूलखर्च से बचने के लिए दिन में ही शादी की रस्म पूरी करते हैं।

loksabha election banner

गांव में यह परंपरा 20 वर्र्षों से कायम है। गांव वाले रात के समय होने वाली शादियों में सजावट आदि को फिजूलखर्ची मानते हैं। इसलिए सबने तय कर रखा है कि रात के समय लाइट, जेनरेटर आदि पर कोई पैसा खर्च नहीं करेंगे। यहां की शादियों में सुबह 10 बजे के करीब बारात आती है और शाम होते-होते दुल्हन विदा हो जाती है। इस परंपरा से इस गांव के लोग अब तक लाखों रूपए की बचत कर चुके हैं। गांव के बुजुर्ग वेदपाल ने बताया, 20 साल पहले तक अटौर में भी रात में शादियां होती थी, लेकिन गांव में बिजली नहीं होने के चलते जेनरेटर का खर्च काफी होता था। साथ ही इसके धुंए और तेज आवाज से भी लोगों को मुश्किल होती थी। तब निर्णय लिया गया कि अब गांव में हर शादी दिन में ही होगी। दिन में शादियां होने के कारण रात में बरातियों के रूकने का इंतजाम नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा शराब पीकर हुडदंग करने वाले बरातियों से भी निजात मिलती है।

यह भी पढ़ें: 

इस छात्र ने शर्ट में बटन की जगह लगाया ताला, तस्वीर हुई वायरल


इस देश में शादी के बाद 3 दिन तक दूल्हा-दुल्हन नही जाते शौचाल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.