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पानी और बोतल से बनाया बल्ब

जब सारी दुनिया में पानी और बिजली के बेहतर विकल्पों के लिए उठापटक चल रही है तब ब्राजील के एक साधारण से मैकेनिक ने बिजली का पर्यावरण के लिए सुरक्षित और बहुत ही सहज विकल्प दे दिया है।

By Edited By: Published: Fri, 16 Aug 2013 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2013 12:05 PM (IST)
पानी और बोतल से बनाया बल्ब

लंदन। जब सारी दुनिया में पानी और बिजली के बेहतर विकल्पों के लिए उठापटक चल रही है तब ब्राजील के एक साधारण से मैकेनिक ने बिजली का पर्यावरण के लिए सुरक्षित और बहुत ही सहज विकल्प दे दिया है। उसने मोजर लैंप नाम से चालीस या साठ वॉल्ट के बल्ब को जलाने का सस्ता और सुलभ उपाय तलाश कर लिया है। इतना ही नहीं मैकेनिक अल्फ्रेड मोजर ने अपने नाम के बल्ब से फिलीपींस की गरीबी की रेखा से नीचे रह रही आबादी की जिंदगी को रोशन भी कर दिया है।

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फिलीपींस की एक-चौथाई आबादी गरीबी की रेखा के नीचे हैं जिसके लिए बिजली बहुत ही महंगी पड़ती है। लेकिन मोजर लैंप अब फिलीपींस के 1,40,000 घरों को रोशन कर रहे हैं। मोजर के इस सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल बल्ब अब तेजी से अन्य विकासशील देशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। मोजर ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि ये एक दिव्य रोशनी है। ईश्वर ने सबके लिए सूर्य दिया है। रोशनी हर किसी के लिए है। इसके खोजकर्ता मोजर ने कहा कि उनके बल्ब से आप धन की बचत कर सकते हैं। इससे आपको बिजली का करंट भी लगता है। और सबसे बड़ी बात इस पर आपका एक पैसा भी खर्च नहीं होता है। मोजर सौर ऊर्जा के जरिए सूरज की रोशनी को एक दो लीटर की पानी की प्लास्टिक बोतल के जरिए बिजली बनाते हैं। इस बोतल में साफ पानी भरा होता है। उन्होंने बताया कि इस पानी में वह दो कप ब्लीच डालते हैं ताकि पानी सुरक्षित रहे और ये हरा न होने पाए यानी इसमें काई न जमे। बोतल जितनी साफ और पारदर्शी होगी उसका उतना ही अच्छा असर होगा। मोजर बोतल के मुहाने पर एक काले रंग का ढक्कन लगाते हैं। फिर उसे छत में बने छेद के अंदर फंसाते हैं। फिर वह उसे छत के साथ पालीएस्टर टेप से सील कर देते हैं। इससे बारिश होने पर भी छत से पानी नहीं टपकता। एक रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों के कई हिस्सों में लाखों परिवार अपनी झुग्गियों की नन्हीं खिड़कियों से रोशनी की हल्की से किरण तक को तरसते हैं। इसीलिए मोजर को ये विचार सन् 2002 में आया कि जब ब्राजील के उनके शहर उबेराबा में बिना बिजली के घुप अंधेरा छा गया था। उन्हें अपनी दुकान में रोशनी के लिए किसी अनूठे तरीके की तलाश थी। जैसी ही उन्होंने इस जादुई तरीके से बिजली बनाने का तरीखा खोजा उनके साथ ही उनके पड़ोसियों और शहर के सुपरमार्केट तक बल्ब से रोशन हो गए।

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