पीएम के आश्वासन पर अड़ा विपक्ष
धर्मातरण के मुद्दे पर मंगलवार को भी राज्य सभा की कार्यवाही शोरगुल और हंगामे की भेंट चढ़ गई। अब धर्मातरण के मुद्दे पर चर्चा से भी इंकार कर रहा विपक्ष ...और पढ़ें

नई दिल्ली। धर्मातरण के मुद्दे पर मंगलवार को भी राज्य सभा की कार्यवाही शोरगुल और हंगामे की भेंट चढ़ गई। अब धर्मातरण के मुद्दे पर चर्चा से भी इंकार कर रहा विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में आश्वासन देने की मांग पर अड़ गया है। यह मांग इसलिए अलग है क्योंकि साधारणतया बयान की मांग की जाती है।
सदन में जदयू के नेता शरद यादव ने कहा कि धर्मातरण की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उपसभापति पर खीझते हुए हुए यादव ने कहा कि इसके बावजूद आप हमसे कह रहे हैं कि इन मुद्दों पर चर्चा करें। उधर, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तल्ख लहजे में कहा कि जो लोग चर्चा में हिस्सा नहीं लेना चाहते, वे सदन से जा सकते हैं।
धर्मातरण के मुद्दे पर एकजुट हुआ विपक्ष किसी भी हाल में इसे टूटने नहीं देना चाहता है। लिहाजा ऐसी मांग रखी गई है, जो संभवत: पूरी नहीं हो सकती है। यह भी पहला मौका है, जब सरकार की ओर से चर्चा का प्रस्ताव दिया जा रहा है, लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं है। भाजपा के एक नेता के अनुसार प्रधानमंत्री ऐसे मुद्दे पर कोई आश्वासन कैसे दे सकते हैं जो राज्यों की कानून-व्यवस्था से जुड़ा हो।
लिहाजा विपक्ष का विरोध बरकरार देख सरकार भी आक्रामक हो गई। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि मुद्दाविहीन विपक्ष संसद को बंधक नहीं बना सकता है। सदन चर्चा के लिए है लेकिन विपक्षी नेता चर्चा से इंकार कर रहे है। यह रवैया लोकतंत्र के लिए खतरा है। हाल यह रहा कि रुक-रुक कर सदन की कार्यवाही शोर-शराबे की भेंट चढ़ गई।

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