जल्द ही भारतीय वायु सेना में भी दिखाई देंगी महिला फाइटर पायलट: पार्रिकर
लोकसभा मेे आज भाजपा सांसद द्वारा की गई टिप्पणी पर स्पीकर खफा हो गईं। उन्होंने IAF में महिला फाइटर पायलटों की नियुक्ति का मसला उठाया था।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर का कहना है कि भारतीय वायु सेना में भी जल्द ही महिला फाइटर पायलट दिखाई देंगी। भारतीय वायु सेना में इनकी स्थाई नियुक्ति को लेकर सरकार एक वर्ष में फैसला ले लगी। उन्होंने यह बयान भाजपा सांसद अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में पुरुषों की तादाद में भारतीय वायु सेना में महिलाएं फायटर पायलटों की संख्या ज्यादा होगी।
सवाल का जवाब देतेे हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि तीन महिला ट्रेनी पायलटों को फाइटर पायलट श्रेणी में 'स्टेज-2' ट्रेनिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। वह इस साल जून-जुलाई तक वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएंगी। उन्होंने साफ किया कि फिलहाल इनको शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत सेवा में शामिल किया गया है, ताकि इस ओर सामने आने वाली समस्याओं और परेशानियों का निपटारा किया जा सके। लेकिन जल्द ही इन्हें स्थाई तौर पर नियुक्त कर दिया जाएगा।
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भाजपा सांसद की टिप्पणी से लोकसभा स्पीकर खफा
महिलाओं के बारे में अपनी टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद अर्जुन राम मेघवाल शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के निशाने पर थे। पूरक प्रश्न पूछते हुए मेघवाल ने कहा था कि दुर्घटना दर अधिक होने के कारण महिलाएं लड़ाकू विमान मिग-21 उड़ाने से डरती हैं। उनके इतना कहते ही स्पीकर महाजन ने नाराजगी भर लहजे में टोका कि आप ऐसा नहीं कह सकते हैं। मेघवाल ने पायलटों की कमी का मुद्दा भी पार्रिकर के समक्ष उठाया।
इतना ही नहीं सुमित्रा महाजन ने सदन में मौजूद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से पूछा, 'क्या आप इस बात से सहमत हैं?' इस पर पर्रिकर ने फौरन कहा, 'नहीं, मैं इससे सहमत नहीं हूं। चूंकि मिग-21 एक इंजन वाला लड़ाकू विमान है। इसलिए कोई भी तकनीकी गड़बड़ी होने पर पायलट को विमान से पैराशूट के जरिये बाहर निकलना होता है।' रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में मिग-21 की दुर्घटना दर बेहद कम रही है। 2013 में तो न्यूनतम रही।
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सरकार इसके उचित रखरखाव पर खास ध्यान दे रही है। स्पीकर के खफा होने और रक्षा मंत्री के बयान के बाद सांसद मेघवाल ने सफाई दी। उनका कहना था, 'उनके कहने का आशय था कि उड़ान संबंधी डर को दूर करने के लिए एनसीसी और स्कूल स्तर पर जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए।' पायलटों की कमी केे सवाल का जवाब देते हुए पर्रिकर ने कहा 2010 में फ्लाइंग ब्रांच में 550 पायलटों की कमी थी, जो फरवरी 2016 में घटकर 164 है।
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