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    कृषि आधारित उद्योग चाहता है संघ

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Wed, 02 Sep 2015 09:50 PM (IST)

    केंद्र में राजग सरकार गठन के बाद से आरएसएस और भाजपा की पहली विस्तृत समन्वय बैठक शुरू हो गई है। बुधवार से शुरू इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। औपचारिक रूप से चर्चा के लिए आर्थिक

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र में राजग सरकार गठन के बाद से आरएसएस और भाजपा की पहली विस्तृत समन्वय बैठक शुरू हो गई है। बुधवार से शुरू इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। औपचारिक रूप से चर्चा के लिए आर्थिक सुधार का मुद्दा था। इसमें कृषि से लेकर सड़क और लघु व मध्यम स्तर के उद्योग से लेकर स्टील प्लांट तक पर चर्चा हुई। सुझाव यह दिया गया कि विकास का वह फार्मूला अपनाया जाना चाहिए, जिससे सबको जोड़ा जा सके।

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    औद्योगिक विकास का लाभ समाज के निचले स्तर के लोगों को भी मिलना चाहिए। इसी क्रम में कृषि आधारित उद्योग की बात कही गई। बताते हैं कि सरसरी तौर पर वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई तो डेढ़ साल में सरकार को लेकर बन रही छवि पर भी बात हुई। यह सुझाव दिया गया कि संगठन के स्तर पर इसकी पूरी निगरानी होनी चाहिए। इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि सरकार के किस कदम को लेकर समाज में किस तरह के विचार बन रहे हैं या बनाए जा रहे हैं। सरकार काम कर रही है तो यह संदेश भी लगातार प्रसारित होते रहना चाहिए।

    बताते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी बात हुई और खासतौर से कश्मीर पर चर्चा हुई। ध्यान रहे कि नक्सलवाद और उग्रवाद संघ की चिंता का सबब रहा है। सरकार की ओर से उन्हें आश्वस्त किया गया है कि कश्मीर समेत दूसरे प्रभावित राज्यों में सधे कदमों से उपाय किए जा रहे हैं और इसका असर जल्द ही दिखेगा।

    अगले दो दिनों में शिक्षा, संस्कृति, आदिवासी कल्याण, वित्त समेत बिहार चुनाव, धार्मिक जनगणना जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस दौरान संबंधित मंत्री बुलाए जाएंगे और संघ के अनुषांगिक संगठनों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करेंगे। इन संगठनों की ओर से भी देशभर से आ रही सूचनाएं दी जाएंगी और उसी आधार पर कामकाज दुरुस्त करने की कोशिश होगी। संभव है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कुछ देर के लिए बैठक में शामिल होंगे। शायद इसीलिए कि तीन दिनों की चर्चा का निचोड़ भी मिले और वह अपने स्तर से सरकार की मंशा भी बता सकें। आज की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ लगभग पूरा संसदीय बोर्ड मौजूद था। बैठक की अध्यक्षता संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की। इसमें विश्व हिंदू परिषद, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संगठन जैसे संघ के 15 सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

    वन रैंक वन पेंशन मामले के जल्द समाधान पर जोर

    आरएसएस वन रैंक वन पेंशन मामले का जल्द समाधान चाहता है। समन्वय बैठक में संघ की ओर से सरकार को नगा समझौते की तर्ज पर आगे बढ़ने का सुझाव दिया गया। संघ ने कहा कि इस मामले में आगे की चर्चा के लिए कमेटी बनाकर राह निकालनी चाहिए, ताकि सड़क पर आंदोलन खत्म हो। हालांकि, यह चर्चा बैठक में औपचारिक रूप से न कर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ अनौपचारिक रूप से की गई। संभवत: भैयाजी जोशी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से कहा कि इसका संदेश गलत जा रहा है। सिद्धांतत: प्रधानमंत्री सहमति जता चुके हैं। इसे दोहराते हुए कोई कमेटी बना दिया जाना चाहिए जो विस्तृत रूप से फैसला करे।

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