अरुण जेटली बोले, कांग्रेस नहीं मानी तो जीएसटी पर होगी वोटिंग
सरकार राज्यसभा में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए वोटिंग पर भी विचार कर सकती है। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार राज्यसभा में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए वोटिंग पर भी विचार कर सकती है। उनका कहना है कि अगले मानसून सत्र में अगर कांग्रेस ने लंबित अप्रत्यक्ष कर कानून पर अपना विरोध जारी रखा तो सरकार के पास यही विकल्प रहेगा।
ऑल इंडिया रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में शनिवार को जेटली ने कहा कि एक अकेली राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ही इसका विरोध कर रही है। यह कोई वैचारिक विरोध नहीं है। मैं उनसे बात करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं ताकि कोई रास्ता निकले। इसके बावजूद भी अगर वह नहीं माने तो फिर केवल वोट करवाने का ही विकल्प बचेगा। जेटली ने कहा कि कांग्रेस का विरोध जारी रहा तो इस विधेयक को अगले संसदीय सत्र में वोटिंग के जरिए पारित कराया जाएगा।
दरअसल, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) बिल पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है। लेकिन यह कांग्रेस के अडि़यल रवैये के कारण राज्यसभा में एक अरसे से लंबित है। सरकार लगातार कहती रही है कि कांग्रेस को छोड़कर सभी दल जीएसटी के पक्ष में हैं। इस बिल के पारित होने से पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस बार मानसून सकारात्मक रहने वाला है इसलिए विकास दर भी बेहतर होने की उम्मीद है। साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुधार आने वाला है। जेटली ने कहा, 'मेरे विचार से हमारे नियंत्रण से बाहर रहने वाला अहम पहलू यह है कि पूरा विश्व ही तेजी से तरक्की करेगा। इसलिए इस वैश्विक तरक्की का छोर पकड़कर हम चले तो हमारे विकास में भी तेजी आएगी। लेकिन इस बात पर हमारा कोई वश नहीं है।'
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार सब्सिडी में कटौती नहीं कर रही है बल्कि उसे तर्कसंगत बना रही है। ताकि इससे मिलने वाला पैसा गरीबों तक पहुंचना सुनिश्चित हो। व्यापार में सरलता के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पिछले साल सरकार के किए सुधारों के चलते ही भारत अब वैश्विक रैंकिंग में ऊपर है। उन्होंने कहा कि दिवालिया होने के कानून के लागू होने से भारत की रैंकिंग में और सुधार होगा।
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