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    अदालत ने पूछा, अब तक दिनाकरन पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Tue, 25 Apr 2017 09:03 PM (IST)

    अदालत ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि मुख्य आरोपी एआइएडीएमके के वरिष्ठ नेता टीटीवी दिनाकरन के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है।

    अदालत ने पूछा, अब तक दिनाकरन पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: तीस हजारी की विशेष अदालत ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम (एआइएडीएमके) के चुनाव को चिन्ह प्राप्त करने को लेकर एआइएडीएमके नेता दिनाकरन की चुनाव आयोग के अधिकारियों से मध्यस्थता कराने के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की पुलिस कस्टडी को तीन दिनों के लिए बढ़ा दिया है। अदालत ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि 50 करोड़ की रिश्वत देने का प्रयास करने वाले मुख्य आरोपी एआइएडीएमके के वरिष्ठ नेता टीटीवी दिनाकरन के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है।

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    पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद एआइएडीएमके के दो अलग-अलग खेमों में पार्टी का चिन्ह पाने के लिए विवाद चल रहा है। जिसके कारण चुनाव आयोग ने पार्टी चिन्ह को ही जब्त कर लिया था। विशेष जज पूनम चौधरी की अदालत ने आरोपी की कस्टडी को लेकर सुनवाई के दौरान पुलिस से कहा कि आपकी थ्योरी के मुताबिक इस पूरे षडयंत्र के मुख्य आरोपी एआइएडीएमके (अम्मा) गुट के नेता टीटीवी दिनाकरन हैं। ऐसे में आप यह बताएं कि अब तक उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। सारे आरोप तो उनके खिलाफ हैं। ऐसे में आप उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं।

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    पुलिस ने आरोपी सुकेश को आठ दिन की कस्टडी खत्म होने के बाद पेश किया था। अदालत से अतिरिक्त पांच दिन की कस्टडी की मांग की गई थी। पुलिस की जांच से पूरी तरह संतुष्टि नहीं जताते हुए केवल तीन दिन की कस्टडी ही दी गई।

    आमने-सामने पूछताछ करना चाहती है पुलिस :

    दिल्ली पुलिस का कहना था कि सुकेश को हवाला नेटवर्क से जुड़े लोगों के साथ आमना सामना करवाकर पूछताछ करनी है। वहीं, सुकेश के वकील ने पुलिस की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि पूरे मामले में रुपयों का कोई लेनदेन नहीं हुआ है। मुख्य आरोपी तो दिनाकरन है, जब दिनाकरन की ही गिरफ्तारी नहीं हुई है तो ऐसे में उसे कस्टडी में लेकर पुलिस बार-बार पूछताछ क्यों करना चाह रही है।

    यह है विवाद :

    यह मामला उस वक्त शुरू हुआ जब तमिलनाडु में एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान एआइएडीएमके के दो गुटों के बीच विवाद होने के कारण चुनाव आयोग ने पार्टी चिन्ह को ही जब्त कर लिया। दिल्ली पुलिस का कहना है कि चुनाव से पूर्व ही दिनाकरन किसी भी कीमत पर चिन्ह को अपने पक्ष में प्राप्त करना चाहते थे। जिसके चलते उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों से संपर्क साधने के लिए सुकेश का सहारा लिया। एक दिन पहले ही पुलिस दिनाकरन से घंटों पूछताछ कर चुकी है।

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