Move to Jagran APP

भगवा उतारने का सपना देखने वालों की राजनैतिक कब्र बन गई: शिवसेना

बीएमसी पर हमेशा से कब्जा करने वाली शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से अपने विरोधियों पर तीखा हमला बोाला है।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Fri, 13 Jan 2017 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jan 2017 02:18 PM (IST)
भगवा उतारने का सपना देखने वालों की राजनैतिक कब्र बन गई: शिवसेना
भगवा उतारने का सपना देखने वालों की राजनैतिक कब्र बन गई: शिवसेना

मुंबई,पीटीआई। महाराष्ट्र के बीएमसी चुनाव का डंका बज चुका है। इस साल महाराष्ट्र की 10 नगरपालिकाओं के लिए 21 फरवरी को चुनाव होने हैं। जिसके बाद 23 फरवरी को वोटों की गिनती होगी। सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है।

loksabha election banner

बीएमसी पर हमेशा से कब्जा करने वाली शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से अपने सभी विरोधियों पर तीखा हमला बोाला है। शिवसेना ने कहा कि मुंबई के अस्तिव की लड़ाई अब तक शिवसेना अकेली लड़ती रही है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र के सामना में लिखा कि बीएमसी पर भगवा झंडा ही लहराया है। इस झंडे को जिसने भी उतारने की कोशिश की है उनकी राजनैतिक कब्र यही बन गई।

शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कहा कि शिवसेना ने मुंबई की रक्षा ही नहीं की बल्कि मुबंई की सभी जातियों और धर्मबंधुओं को मातृत्व का आधार देकर उन्हें उत्तम सुविधा देने का वचन भी निभाया है। शिवसेना ने कहा कि मुबंई पर आए सकंट के समय जिन्होंने दुम दबा ली, वे मुंबई को बचाने के लिए सीने पर घाव झेलनेवाली शिवसेना के आड़े न आएं तो ही अच्छा है।

ये भी पढ़ें- UP Elections: अखिलेश के प्रचार अभियान की स्टार कैंपेनर होंगी डिंपल यादव

शिवसेना ने मुखपत्र के माध्यम में लिखा कि मुंबई को लूटकर अपनी जेब भरने की परंपरा पिछले 60 सालों से भी अधिक समय से जारी है और आज भी उसका अंत नहीं हुआ है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि ठाणे जैसे शहरों को विकास के नाम पर केंद्र की ओर से जो कुछ भी दिया जाता है उसमें राजनैतिक स्वार्थ अधिक होता है।

शिवसेना ने पूछा कि बुलेट ट्रेन और मेट्रो ट्रेन जैसे विकास के बुलडोजर तले जो परिवार बेघर और निर्वासित होने वाले हैं उनके भविष्य का क्या? क्या उनको उनके घर मिलेगें? नोटबंदी को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी के कारण जो लोग नाहक़ मारे गए, क्या उसे भी विकास के नाम पर बली कहा जाए?

ये भी पढ़ें- हाउसवाइफ के कर्तव्यों को पूरा न करने पर नाबालिग को 'लीगल नोटिस'

सामना में लिखा गया है कि कम से कम महाराष्ट्र और मुंबई में तो शिवसेना निरपराधियों को इस तरह नाहक़ कुचलने नहीं देगी। हमारी पीठ पर कितने ही वार क्यों ना हों, हमें परवाह नहीं है। शिवसैनिकों के रक्त में स्वार्थ नहीं है।

इस बार शिवसेना को बीजेपी, मनसे, कांग्रेस,एमाआईएम और एनसीपी से लड़ना होगा। अगर पिछले बार के विधानसभा चुनाव पर नजर डाले तो बीजेपी को जीत मिली थी। ऐसे में अब बीजेपी भी पूरी कोशिश में है उसी तरह बीएमसी में भी उन्हें जीत मिले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.