कौन हैं संतश्री शोभन सरकार
लखनऊ। कानपुर के मैथा ब्लॉक के शकुलनपुरवा में शोभन सरकार का जन्म हुआ। वह मंधना के बीपीएमजी इंटर कालेज में पढ़ते थे। मंधना के लोग बताते हैं स्कूल में वह खाली समय में पेड़ के नीचे बैठकर गीता या रामचरित मानस पढ़ते थे। हाईस्कूल के लगभग दस साल बाद बाबा ने घर छोड़ दिया। किशोरावस्था [15 वर्ष] में गुरु स्वामी सत्संगानंद जी की श्
लखनऊ। कानपुर के मैथा ब्लॉक के शकुलनपुरवा में शोभन सरकार का जन्म हुआ। वह मंधना के बीपीएमजी इंटर कालेज में पढ़ते थे। मंधना के लोग बताते हैं स्कूल में वह खाली समय में पेड़ के नीचे बैठकर गीता या रामचरित मानस पढ़ते थे। हाईस्कूल के लगभग दस साल बाद बाबा ने घर छोड़ दिया।
किशोरावस्था [15 वर्ष] में गुरु स्वामी सत्संगानंद जी की शरण में आ गए आश्रम से जुड़े लोग बताते हैं कि स्वामी सत्संगानंद जी बड़े स्वामी के नाम से भी जाने जाते थे। शोभन सरकार ने आठ वर्ष लगातार उनके सानिध्य में तप किया बड़े स्वामी सहिमलपुर गांव ब्लॉक अमौली बिन्दकी फतेहपुर से 70 वर्ष पूर्व दूधी कगार जंगल में आए। वृक्ष के नीचे तपस्या की। बाद में छोटी कुटी बनाई। मवईया बिन्दकी के स्वामी परमानंद की बड़े स्वामी से निकटता थी। शोभन सरकार उन्हें भी गुरु का दर्जा देते थे। शोभन सरकार ने कानपुर के चौबेपुर के सुनौढम, सिंहपुर, मैथा, सरसौल के आगे दूधी घाट में मंदिरों का विकास कराया। बीच में विवाद होने पर उन्होंने मंदिर का सर्वराकार नियुक्त कर आश्रम की रजिस्ट्री तक कर दी। उन्नाव के बक्सर, फतेहपुर के दूधी कगार में भीं आश्रम बनाया।
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कहां है डौंडियाखेड़ा :
यूपी के उन्नाव जिले की बीघापुर तहसील मेंगंगा के किनारे स्थित बक्सर से दो किमी पहले डौडियाखेड़ा गांव पड़ता है। लखनऊ से इसकी दूरी 50 किमी व कानपुर से करीब 80 किमी है।
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