Move to Jagran APP

..तो क्या इसलिए उत्तराखंड में हुई तबाही?

उत्तराखंड में हुई तबाही के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर यहां यह तबाही क्यों देखने को मिली। एक सवाल और यहां पर रह-रहकर उठ रहा है कि जब केदारघाटी में सभी कुछ तबाह हो गया तो फिर ऐसी क्या वजह रही कि केदारनाथ मंदिर अपनी जगह पर स्थिर खड़ा रहा। इन सवालों को जवाब में फिर से कई सवाल खड़

By Edited By: Published: Mon, 24 Jun 2013 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2013 08:06 PM (IST)
..तो क्या इसलिए उत्तराखंड में हुई तबाही?

देहरादून। उत्तराखंड में हुई तबाही के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? एक सवाल और यहां पर रह-रहकर उठ रहा है कि जब केदारघाटी में सभी कुछ तबाह हो गया तो फिर केदारनाथ मंदिर कैसे अपनी जगह पर मजबूती के साथ खड़ा रहा? इन सवालों के जवाब में फिर से कई सवाल खड़े हो जाते हैं। गौरतलब है कि इस मंदिर में मौजूद पांडवों की मूर्ति भी यहां आई बाढ़ में बह गई, लेकिन यहां पर मौजूद शिवलिंग जस का तस बना रहा।

loksabha election banner

नहीं संभले तो खुलेगा शिव का तीसरा नेत्र

अब ऐसे तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं जिन्हें यदि स्वीकार नहीं किया जा सकता है तो नकारा भी नहीं जा सकता है। दरअसल उत्तराखंड में श्रीनगर स्थित धारी देवी को राज्य के लोगों एवं पर्यटकों की रक्षक माना जाता है। लेकिन श्रीनगर विद्युत परियोजना के तहत यहां पर लगी धारी देवी की मूर्ति को 16 जून को हटा दिया गया था, जिसके बाद हमें यह विनाशलीला देखने को मिली है।

संत समाज ने इस मंदिर की मूर्ति को वहां से हटाने का विरोध भी किया था, लेकिन उनके विरोध को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने मूर्ति हटने की सूरत में यहां पर आपदा आने की आशंका जताई थी। मूर्ति हटा दी गई और इसके बाद जो कुछ हुआ वह सभी ने देखा। इस बाढ़ में बिजली का वह प्रोजेक्ट भी बह गया जिसके लिए धारी देवी की मूर्ति हटाई गई थी।

इससे पहले वर्ष 1882 में भी एक राजा ने मंदिर के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी और उस समय भी इसी तरह का विनाश देखा गया था। उत्तराखंड में आई तबाही के बाद से यहां पर अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों की तादाद में लोग अभी लापता हैं। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि यहां होने वाली तबाही एक सामान्य प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक देवी का अभिशाप है।

लोगों का मानना है कि धारी देवी उत्तराखंड के सभी धामों की रक्षक हैं। इसके अलावा वह यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भी रक्षा करती हैं। लेकिन बांध बनाने के लिए धारी देवी को उस स्थान से हटा दिया गया जहां वे बरसों से देवभूमि की रक्षा कर रही थीं। मान्यता ये भी है कि हर दिन माता यहां तीन रूप में नजर आती हैं। इसमें पहला रूप कुमारी कन्या, दूसरा रूप युवती का और तीसरा वृद्ध माता का है।

बताया जाता है कि माता के सिर पर छत लगाने की कई कोशिशें की गई लेकिन कभी लगाया नहीं जा सका। वर्तमान मंदिर के स्वरूप में भी माता की मूर्ति के ऊपर छत नहीं है। कहा ये भी जाता है कि जिस दिन धारी देवी को मूल स्थान से हटाया जा रहा था उस दिन भी भयानक तूफान आया था।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.