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    लखनऊ में भी निर्भया कांड, पढि़ए ऐसे अपराधों के खिलाफ क्या है लोगों की राय

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    Updated: Sun, 20 Jul 2014 01:15 PM (IST)

    लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा में एक युवती दरिंदगी का शिकार हुई। दरिंदों ने पहले तो उसके साथ गैंगरेप किया फिर उसे नग्न अवस्था में तड़प-तड़पकर मरने के लिए छोड़ दिया। हमारे पुरुष प्रधान देश की ये अजीब विडंबना है जहां एक ओर देवी की पूजा की जाती है तो वहीं दूसरी ओर महिला से बलात्कार।

    नई दिल्ली। लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा में एक युवती दरिंदगी का शिकार हुई। दरिंदों ने पहले तो उसके साथ गैंगरेप किया फिर उसे नग्न अवस्था में तड़प-तड़पकर मरने के लिए छोड़ दिया। हमारे पुरुष प्रधान देश की ये अजीब विडंबना है जहां एक ओर देवी की पूजा की जाती है तो वहीं दूसरी ओर महिला से बलात्कार। सवाल उठता है कि क्या हमारा समाज महिला सम्मान का ढोंग करता है? क्या समाज में महिलाओं के प्रति हिंसक सोच हावी है? हमने कुछ ऐसे ही सवाल सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक और बोल इंडिया बोल के जरिए पूछा। जिसके जवाब में हमें ढेरों कमेंट्स मिलें। तो आइए जानते हैं कि अब इंसाफ की गुहार नहीं..हम सुनाएंगे फैसला में क्या है जनता की राय

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    बोल इंडिया बोल के कमेंट्स

    अनुभव सिंह : बस हमें कुछ नहीं करना है, जो ये काम करते हैं उन्हें जिंदा शहर के मेन चौराहे पर नंगा कर बांध देना चाहिये और भूखे, प्यासे तब तक लटकाए रखना चाहिए जब तक वे मर नहीं जाते।

    आशीष कुमार : ऐसे अपराधों के लिए कम से कम मौत की सजा होनी चाहिए।

    अधीर शंकर : हाथ, पैर कटवा कर लटका देना चाहिए।

    पुल्कित खरे : ये बहुत ही दुखद और निराशाजनक घटना है। घटना की तस्वीर को जिस तरह सोशल साइट्स पर फैलाया जा रहा है वो और भी निंदनीय है। सत्ता की लालसा रखने वाले कानून को ताख पर रख कर शासन कर रहे हैं। ऐसी घटनाओं को नहीं रोका गया तो ये लोकतंत्र और हमारे देश की सभ्यता पर कलंक साबित होगा।

    वीर उपाध्याय: यदि ऐसे मामलों में भारत सरकार कुछ करना चाहती है तो रेपिस्ट्स के प्राइवेट पाटर््स को उनके शरीर से अलग कर देना चाहिए। मैं जानता हूं ये गलत है। लेकिन जो गलत कर रहे हैं उनके साथ गलत करना कोई गलती नहीं है।

    राजेंद्र चौधरी : उनको पहले नामर्द बनाकर फांसी दे देनी चाहिए।

    बसंत कुमार सिंह : देश का कानून इतना सख्त होना चाहिए कि अपराध करने से पहले कोई सौ बार सोचे।

    नवनीत : बलात्कारियों का दिमाग बीमार होता है। ऐसी बीमारी का इलाज सिर्फ मौत है।

    पारूल बांग : ऐसे अपराधियों को पब्लिक खासकर पीड़ित परिवार को सौंप देना चाहिए। फिर इन्हें पता चलेगा गैंग रेप क्या होता है।

    रीनेश कुमार रॉय : उत्तर प्रदेश के माननीय राजयपाल जी को सरकार से जवाब तलब करना चाहिए कि वो शासन व्यवस्था को बनाए रखने में क्यों असमर्थ हैं। यदि उनसे राज्य का भार और अपराधियों पर अंकुश नही लग पा रहा तो इस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।

    फेसबुक पर भी मिलें कमेंट्स

    प्रियंका साही : सऊदी का कानून लगना चाहिए।

    रुपेश शक्या : कानून सिर्फ सजा दे सकता है। नारी का सम्मान तो पुरुष के संस्कारों पर निर्भर करता है।

    मानसी भारद्वाज : अब सरकार नहीं, ये फैसला समाज को ही करना होगा। बलात्कारियों को बीच चौराहे पर आग में जला देना चाहिए।

    प्रियदर्शी चौबे छोटे : ये हादसा हुआ शहर ए तहजीब में,

    अस्मत लूटी है आज फिर किसी रकीब ने, खून कह रहा है दरिंदगी की दास्तां,

    क्या इस कदर मौत लिखी है औरत के नसीब में।

    रीशू श्रीवास्तव : ऐसे अपराधियों को नपुंसक बना देना चाहिए।

    सत्य नारायण व्यास : ऐसा करने वाले दरिंदो की मानवता मर चुकी है। बुद्धि नष्ट और भ्रष्ट हो गई है। वे जानवर जैसा बर्ताव कर रहे हैं। जब उन्होंने मनुष्यता का त्याग कर दिया है तब ऐसे लोगों को कानून के द्वारा सजा देकर मानवीय समुदाय से ही विदा कर देना चाहिये। इस प्रकार की भयानक घटना का तो विरोध होना ही चाहिये, चुप बैठने की बात किसलिये?

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