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    बालटाल में हिंसा और आगजनी, अमरनाथ यात्रा स्थगित

    By Edited By:
    Updated: Sat, 19 Jul 2014 09:52 AM (IST)

    बाबा अमरनाथ यात्रा के इतिहास में शुक्रवार को काला और शर्मनाक अध्याय जुड़ गया। पवित्र गुफा के प्रमुख आधार शिविर बालटाल में लंगर और तंबू वालों के बीच हुई तकरार के बाद भड़की हिंसा में 110 टेंट जला दिए गए। हिंसक भीड़ ने 15 लंगर और दो दर्जन से ज्यादा वाहनों को तोड़ा व लूटपाट की। 150 से ज्यादा गैस सिलेंडर भी फटे हैं।

    श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। बाबा अमरनाथ यात्रा के इतिहास में शुक्रवार को काला और शर्मनाक अध्याय जुड़ गया। पवित्र गुफा के प्रमुख आधार शिविर बालटाल में लंगर और तंबू वालों के बीच हुई तकरार के बाद भड़की हिंसा में 110 टेंट जला दिए गए। हिंसक भीड़ ने 15 लंगर और दो दर्जन से ज्यादा वाहनों को तोड़ा व लूटपाट की। 150 से ज्यादा गैस सिलेंडर भी फटे हैं।

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    इस दौरान 21 सुरक्षाकर्मियों सहित 60 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। एक लंगर के दो सेवादारों, श्राइन बोर्ड के दो कर्मियों और सीआरपीएफ के दो जवान सहित छह लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। प्रशासन ने बालटाल के रास्ते यात्रा को स्थगित कर दिया है।

    हिंसा की सूचना मिलते ही मंडलायुक्त कश्मीर, आइजीपी कश्मीर, एसपी गांदरबल, जिला उपायुक्त गांदरबल, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस और अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को भी गांदरबल से लेकर बालटाल तक तैनात कर दिया गया है।

    झगड़ा बृहस्पतिवार देर रात शुरू हुआ। एक लंगर के दो सेवादार और दो-तीन तंबू वालों के बीच बहस के बाद मारपीट हुई। तड़के जब इस घटना की सूचना स्थानीय लोगों के बीच पहुंची तो उन्होंने उत्तेजक नारेबाजी करते हुए लंगर वालों की पिटाई और तोड़फोड़ शुरू कर दी। वहां तैनात पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने हिंसक भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठियों और आंसू गैस का सहारा लिया।

    इस दौरान हिंसक भीड़ ने एक दर्जन लंगरों को आग के हवाले कर दिया। आग पर काबू पाने के लिए सोनमर्ग, कंगन, गांदरबल व अन्य जगहों से भी दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए।

    सुबह से शाम तक बालटाल में जारी हिंसा और आगजनी में 60 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। घायलों में नौ पुलिसकर्मी और 12 सीआरपीएफ कर्मी हैं। इनमें से करीब दो दर्जन लोग आग में मामूली रूप से झुलस गए। करीब एक दर्जन घायलों को शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में लाया गया। 11 घायलों को डॉक्टरों ने शाम को घर भेज दिया। एक अन्य घायल मोहम्मद इकबाल शेख को निगरानी में रखा गया है।

    संबधित अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने फिलहाल दो सेवादारों रोहित व राहुल के अलावा सीआरपीएफ के दो जवानों पवन व सुशील को भी गिरफ्तार कर लिया है।

    क्यों शुरू हुआ विवाद

    विवाद के पीछे दो कहानी सामने आ रही है। संबधित सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात एक लंगर के भीतर दो-तीन तंबू वालों की आपस में किराये को लेकर बहस हो रही थी। यह बहस उस समय शुरू हुई जब एक तंबू वाले के रेट पर एतराज जताते हुए श्रद्धालुओं ने दूसरे टेंट वाले से संपर्क किया।

    लंगर के भीतर जब तंबू वाले आपस में उलझे तो एक सेवादार ने उन्हें रोका। वह सेवादार के साथ ही मारपीट करने लगे। इसी दौरान सेवादार ने कथित तौर पर एक धारधार वस्तु से एक तंबू वाले पर वार कर दिया।

    कुछ अन्य लोगों के मुताबिक, दो सेवादारों रोहित व राहुल की एक तंबू मालिक नायब अहमद खान से बहस हो गई थी। इसके बाद झगड़ा पनपा। राहुल और नायब खान के बीच बहस जल्द ही मारपीट में बदल गई। मारपीट के दौरान राहुल ने कथित तौर पर किसी धारधार वस्तु से नायब पर वार कर उसे जख्मी कर दिया।

    राज्य पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बालटाल में फंसे सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं, लेकिन स्थानीय सूत्रों की मानें तो घायलों में कई श्रद्धालु भी हैं।

    बालटाल में भड़की हिंसा पर राज्यपाल एनएन वोहरा ने क्षोभ जताते हुए सभी पक्षों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने इस घटना पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और श्री अमरनाथ बालटाल लंगर संगठन के अध्यक्ष विजय ठाकुर से भी फोन पर चर्चा भी की।

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