तीन तलाक मामले में मुस्लिम बोर्ड पर सरकार का पलटवार
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि वो लोग तीन तलाक और समान नागरिक संहिता पर भ्रम न फैलाएं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा तीन तलाक के मसले को समान नागरिक संहिता से जोड़ने और उसे राजनीतिक रंग देने के प्रयासों पर जोरदार पलटवार किया है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम घसीटने पर भी सरकार ने एतराज जताया है।
शुक्रवार को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने साफ शब्दों में कहा कि तीन तलाक और समान नागरिक संहिता अलग-अलग मामले हैं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विधि आयोग ने समान संहिता पर सुझाव मांगा है। तीन तलाक के मुद्दे को इससे नहीं जोड़ा जाना चाहिए। तीन तलाक में मूल मुद्दा लैंगिक समानता और महिलाओं के साथ भेदभाव खत्म करना है।
तीन तलाक मुद्दे पर पर्सनल लॉ पर सीधा हमला
भ्रमित कर रहा मुस्लिम बोर्ड
नायडू ने कहा कि कुछ लोग समाज को भ्रमित कर रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपना नजरिया सभी पर थोपने की कोशिश कर रहा है। वह खुद को चैंपियन मानता है और दूसरों की राय को महत्व नहीं देता। विधि आयोग ने सभी से समान नागरिक संहिता पर राय मांगी है। तीन तलाक से यह अलग मामला है। यह संविधान के नीति निर्देशक तत्व के अनुच्छेद-44 में शामिल है। इसे केंद्र सरकार या पीएम मोदी नहीं लाए हैं।
तीन तलाक का अंत चाहता है देश
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विधि आयोग द्वारा जारी प्रश्नावली का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस पर नायडू ने कहा कि बोर्ड बहस में शामिल हो, अपने विचार रखे। जनता पर कुछ भी थोपा नहीं जाएगा। आम सहमति से ही फैसला होगा। सच्चाई यह है कि देश तीन तलाक का अंत चाहता है। जनता किसी धार्मिक आस्था के कारण महिलाओं के खिलाफ भेदभाव नहीं चाहती। यदि बोर्ड राजनीतिक टिप्पणी करना चाहता है तो वह अपनी पसंद के राजनीतिक दल में शामिल हो जाए। इसे राजनीतिक बहस में बदलने की कोशिश न करे।
जबरन थोपने के खिलाफ कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने समान नागरिक संहिता जबरन थोपने का विरोध करते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर सभी पक्षों को विश्वास में लिया जाना चाहिए। तीन तलाक के मुद्दे पर उन्होंने कहा इसे सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
धार्मिक नेताओं पर छोड़ें फैसला
मुस्लिम नेताओं के कड़े विरोध को देखते हुए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने समान नागरिक संहिता का मुद्दा धार्मिक नेताओं पर छोड़ने की वकालत की है। इस पर ज्यादा बोलने से इन्कार करते हुए मुलायम ने कहा कि इस पर विवाद नहीं होना चाहिए।
बोर्ड ने लगाया था मुस्लिमों के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप
विधि आयोग ने सात अक्टूबर को 16 सवालों की एक प्रश्नावली जारी कर देश में समान नागरिक संहिता लागू करने पर जनता की राय मांगी है। इससे भड़के ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी पर मुस्लिमों के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि देश की सीमाएं संभल नहीं रही हैं और देश में जंग छेड़ने की कोशिश हो रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।