साबरमती की तर्ज पर वरुणा कॉरीडोर
पीएम नरेंद्र मोदी, गुजरात माडल व साबरमती रिवर फ्रंट। यह ऐसी जुगलबंदी है कि अब तक निष्प्रयोज्य पड़ी पुरानी धूल फांक रही योजनाओं में भी जान आ गई है। ऐसी ही योजना है प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के वरुणा कॉरीडोर की। 171 करोड़ रुपये की इस परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया था प्लानर
वाराणसी, [राकेश पाण्डेय]। पीएम नरेंद्र मोदी, गुजरात माडल व साबरमती रिवर फ्रंट। यह ऐसी जुगलबंदी है कि अब तक निष्प्रयोज्य पड़ी पुरानी धूल फांक रही योजनाओं में भी जान आ गई है। ऐसी ही योजना है प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के वरुणा कॉरीडोर की।
171 करोड़ रुपये की इस परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया था प्लानर इंडिया ने। 2009 में विकास प्राधिकरण को सौंपा गया। प्राधिकरण ने शासन को भेजा। केंद्र सरकार के इनलैंड वाटरवेज अथारिटी ने फिजीबिलिटी स्टडी में इसे सफल भी पाया। बाद में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। चुनाव बीतते ही साबरमती की तर्ज पर गंगा रिवर फ्रंट की तैयारी शुरू हुई तो इसकी सहायक नदी वरुणा की याद प्रशासन को आ गई।
बीते मंगलवार को जिला प्रशासन ने वरुणा कॉरीडोर के प्लान का प्रजेंटेशन किया। जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने प्लान को अपने हाथ में लेते हुए निर्देश दिया है कि इसको रिवाइज करते हुए अपडेट किया जाए। प्लानर इंडिया के अनुसार अब इस प्रोजेक्ट में 30 फीसद तक बढ़ोतरी हो जाएगी।
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18 किमी लंबाई, पांच टर्मिनल
वरुणा कॉरीडोर का प्लान गंगा संगम के आदिकेशव घाट से फुलवरिया के समीप तक नदी में करीब 18 किमी की लंबाई में बनाया गया है। इसके तहत योजना है कि पुराना पुल का रेगुलेटर हटाकर आदिकेशव घाट के समीप स्वेज कैनाल की तर्ज पर दो रेगुलेटर व लाक चैनल लगाया जाएगा। इससे 45 मीटर चौड़ाई में जलस्तर पूरे 18 किमी तक मेंटेन किया जाएगा जिससे कि मोटर बोट और पानी के छोटे जहाज चल सकें। दो मीटर गहराई निर्धारित करने के लिए जरूरत के मुताबिक नदी में ड्रेजिंग भी कराई जाएगी। नदी में कुल पांच जगह टर्मिनल बनाए जाएंगे।
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शासन के जरिए केंद्र को प्रस्ताव
जिलाधिकारी वाराणसी प्रांजल यादव ने बताया कि वरुणा कॉरीडोर को साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन हुआ है। कुछ पहलुओं को जोड़कर रिवाइज किया जा रहा है। इसे जल्द ही शासन के जरिए केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के बहुआयामी फायदे होंगे।
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वरुणा कॉरीडोर के फायदे
-जल परिवहन का विकल्प मिलेगा
-जल पर्यटन के क्षेत्र में विस्तार
-तटवर्ती क्षेत्र में भूजल स्तर सुधार
-गंगा-वरुणा वाटर वेज की कवायद
-किनारों पर ग्रीन बेल्ट का दायरा
-वरुणा रिवर फ्रंट से नया लुक
-किनारों पर पाथवे-लैंड स्केप निर्माण।
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शहर का मास्टर प्लान की तैयार
वाराणसी शहर के मास्टर प्लान 2031 के तहत आवासीय उद्देश्यों के लिए भरपूर क्षेत्रफल का प्रबंध किया गया है। बनारस के विकास का खाका खिंचने के लिए कुल 26080 हेक्टेयर क्षेत्रफल का उपयोग होना है। इसमें सर्वाधिक क्षेत्रफल करीब 45.62 फीसद आवासीय भूप्रयोग के लिए आरक्षित किया गया है। शुक्त्रवार को मुख्यमंत्री ने नए मास्टर प्लान को पास कर दिया है। अब सिर्फ अधिसूचना जारी होने भर की देरी है। नए मास्टर प्लान के तहत आवासीय भूप्रयोग के बाद खुला क्षेत्र, पार्क, पुरातात्विक धरोहरों और मैदान आदि के एिल 15.45 फीसद क्षेत्रफल निर्धारित है। मिश्रित भू प्रयोग 5.46 फीसद, व्यावसायिक 4.05, औद्योगिक 2.54, सार्वजनिक व अर्धसार्वजनिक सुविधा के लिए 7.66, यातायात-परिवहन के लिए 12.85 व सार्वजनिक उपयोगिता वाले उद्देश्यों के लिए 4.41 फीसद क्षेत्र की व्यवस्था की गई है।
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