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    पारिवारिक विरासत पाने को वरुण ने दिखाई ताकत

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    Updated: Thu, 16 May 2013 10:08 PM (IST)

    सुलतानपुर [अवनीश त्यागी]। कांग्रेस के गढ़ में गुरुवार को भाजपा महासचिव वरुण गांधी ने अपने पिता की सियासी विरासत पाने को स्वाभिमान रैली की। अर्से बाद खचाखच भरे खुर्शीद क्लब मैदान में जय श्री राम के नारे भी खूब गूंजे। युवाओं पर नरेंद्र मोदी का खुमार कम वरुण का जादू अधिक दिखा। भीड़ ने जहां वरुण गांधी के अगला मुख्यमंत्री होने के नारे लगाए, वहीं वरुण ने भी दिल्ली के बजाए लखनऊ की सरकार पर ज्यादा निशाने साधे। रैली में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी मौजूद थे।

    सुलतानपुर [अवनीश त्यागी]। कांग्रेस के गढ़ में गुरुवार को भाजपा महासचिव वरुण गांधी ने अपने पिता की सियासी विरासत पाने को स्वाभिमान रैली की। अर्से बाद खचाखच भरे खुर्शीद क्लब मैदान में जय श्री राम के नारे भी खूब गूंजे। युवाओं पर नरेंद्र मोदी का खुमार कम वरुण का जादू अधिक दिखा। भीड़ ने जहां वरुण गांधी के अगला मुख्यमंत्री होने के नारे लगाए, वहीं वरुण ने भी दिल्ली के बजाए लखनऊ की सरकार पर ज्यादा निशाने साधे। रैली में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी मौजूद थे।

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    कांग्रेस महासचिव ने उप्र में किसानों, मजदूरों व गरीबों की सुनवाई न होने पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के युवा प्रेम को फरेब बताया। लैपटॉप और बेरोजगारी भत्ता बांटने को फिजूल साबित करते हुए युवाओं को रोजगार मुहैया न कराने पर चिंता जाहिर की। मुख्यमंत्री को लिखी चिठ्ठी का हवाला देते हुए वरुण ने विकास के मुद्दे पर सरकार को घेरा। विरोध के लिए नकारात्मक राजनीति न करने का जिक्र करते हुए वरुण ने लखनऊ से दिल्ली और वाराणसी से दिल्ली तक सुपर हाईवे बनाने की पैरोकारी की ताकि 12 घंटे का सफर 4-5 घंटे ही तय हो सके। बिजली व सड़क बेहतर न होने को प्रदेश के पिछड़ने की वजह बताई और सपा-बसपा के चंगुल से प्रदेश को मुक्त कराने का आह्वान किया।

    वरुण के जेहन में अपनी मां मेनका का अमेठी से हारना भी रहा होगा, इसलिए सुलतानपुर सीट पर खुद चुनाव लड़ने की तैयारी के तहत उन्होंने पूर्व विधायक सोनू सिंह जैसे विवादित नामों को साथ लेने से भी गुरेज नहीं किया। सोनू केवल स्वागत होर्डिंग में ही नहीं मंच पर भी सक्रिय भूमिका में नजर आए। दो दिन पहले हुए बसपा के ब्राह्माण सम्मेलन का असर कम करने के लिए स्वाभिमान रैली में 51 ब्राह्माणों से शंखध्वनि कराकर चुनावी अभियान की शुरुआत कराई गई। गडकरी ने अपने संबोधन में संप्रग सरकार को बदलने के लिए सपा-बसपा को बेअसर करने पर जोर दिया।

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