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    राजपक्षे को न्योते पर भड़के तमिल दल

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    Updated: Thu, 22 May 2014 08:24 PM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नरेंद्र मोदी की ताजपोशी के मौके पर विदेशी अतिथियों को लेकर विवाद छिड़ गया है। तमिलनाडु में भाजपा की सहयोगी एमडीएमके समेत अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को बुलाने पर आपत्ति जता दी है, जबकि कांग्रेस ने पाकिस्तान के शासनाध्यक्ष नवाज शरीफ को बुलाने पर तंज कसा है।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नरेंद्र मोदी की ताजपोशी के मौके पर विदेशी अतिथियों को लेकर विवाद छिड़ गया है। तमिलनाडु में भाजपा की सहयोगी एमडीएमके समेत अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को बुलाने पर आपत्ति जता दी है, जबकि कांग्रेस ने पाकिस्तान के शासनाध्यक्ष नवाज शरीफ को बुलाने पर तंज कसा है।

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    भाजपा ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के शासनाध्यक्षों को बुलाने के फैसले को सही ठहराया है। भाजपा का कहना है कि सोमवार को होने वाला शपथ ग्रहण लोकतंत्र के लिए उल्लास का क्षण है और सभी को इसे इसी संदर्भ मे देखना चाहिए। गौरतलब है कि श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता ने केंद्र सरकार में तमिलनाडु के किसी भी राजनीतिक दल के दखल की स्थिति न बनने पर खुशी जताई है।

    भारत में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में सभी सार्क देशों को बुलाया जा रहा है। पाकिस्तान समेत कई देशों के शासनाध्यक्षों के शामिल होने के संकेत मिलने लगे हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक इसे एक बड़ी घटना के रूप में देख रहे हैं। वहीं, देश के अंदर ही कुछ दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। तमिलनाडु के अधिकतर दलों ने अपना एतराज जता दिया है।

    माना जा रहा है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और मोदी सरकार से अच्छे संबंधों की उम्मीद रखने वाली जयललिता शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगी। उनके अलावा द्रमुक और एमडीएमके ने कहा कि श्रीलंका में तमिलों के साथ अन्याय हुआ है। लिहाजा, राजपक्षे को नहीं बुलाया जाना चाहिए था। कांग्रेस भी तंज कसने से नहीं चूकी। एक तरफ तमिलनाडु की कांग्रेस इकाई ने राजपक्षे को बुलाने का समर्थन किया है।

    निवर्तमान सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने पूछा, 'जो भाजपा लगातार यह कहती रही कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती है, अब वह पाकिस्तान को आमंत्रित कर रही है।' फैसले के साथ खड़े भाजपा नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहती है। यह एक अवसर है जिस पर पड़ोसी मुल्कों को आमंत्रित किया गया है। इससे आगे फिलहाल पार्टी कोई प्रतिक्रिया जताने से बचना चाहती है।

    पढ़ें: राजपक्षे को आमंत्रण पर वाइको ने जताया विरोध

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