यूपी में हाई अलर्ट, पुलिस की छुट्टियां रद
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर की हिंसक घटना को दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। दूसरी ओर गृह विभाग ने प्रदेश में 'हाई अलर्ट' घोषित किया है। पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गयी हैं। 15 कं
लखनऊ, जागरण ब्यूरो। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर की हिंसक घटना को दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। दूसरी ओर गृह विभाग ने प्रदेश में 'हाई अलर्ट' घोषित किया है। पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गयी हैं।
15 कंपनी अतिरिक्त पीएसी, पांच कंपनी आरएएफ मुजफ्फरनगर भेजी गयी है। आईजी (जोन), एडीजी को मौके पर कैंप करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने हालात पर नियंत्रण पाने के लिए सेना को बुला लिया है। मौके पर सेना के जवान तैनात हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सांप्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द हर कीमत पर बरकरार रखा जाए। अफवाह और हिंसा फैलाने वाले असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की हिंसक घटना के लिए जिम्मेदार व दोषी व्यक्तियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर में 27 अगस्त, 2013 के बाद से हिंसक घटनाओं में मारे गए व्यक्तियों के आश्रितों को 10-10 लाख और पत्रकारों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए एवं हल्की चोटों के शिकार लोगों को 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
इससे इतर मुजफ्फरनगर की घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने बताया कि फिलहाल पुलिस कर्मियों का अवकाश रद कर दिया गया है। संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पीएसी तैनात की जा रही है। पुलिस आधुनिकीकरण के सिलसिले की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली गए प्रमुख सचिव (गृह) आरएम श्रीवास्तव को फौरन वापस लखनऊ बुलाया गया। प्रमुख सचिव (गृह) ने फोन पर बताया कि शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। शासन और सरकार मुजफ्फरनगर की स्थितियों पर नजर रखे हुए है। वहां तैनात अधिकारी संपर्क में हैं, हालात पर काबू के प्रयास जारी है।
मुजफ्फरनगर में शनिवार को हुई हिंसक वारदात में पत्रकार सहित 10 लोगों की मौत हो गई। 34 लोग घायल हुए हैं। सिविल लाइंस, कोतवाली और नई मंडी थाना क्षेत्रों में अनिश्चित कालीन कर्फ्यू लगाया गया है।
आजम ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया
प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतें देश की बुनियाद कमजोर कर रही हैं। मुजफ्फरनगर, शामली व सहारनपुर में दंगे फसाद जैसी स्थितियां पैदा की जा रही हैं, जो अफसोसनाक हैं। उन्होंने इन जिलों के प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इस समस्या को जिस तरह से सुलझाने का प्रयास हो रहा है, उससे न तो शासन चलता है और न ही प्रशासन। अब कड़े कदम उठाने की जरूरत है। दंगा-फसाद करने वाले अपराधियों को जेल के पीछे डाला जाए, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली हो। आजम खां का कहना है कि यदि प्रशासन कमजोरों और पीड़ितों को ही अपनी दहशत का शिकार बनाता है तो उसे प्रशासन और शासन का इकबाल बुलंद नहीं होता है। उन्होंने दंगाइयों, बलवाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
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