अभी और बदलेगा सिविल सेवा परीक्षा का प्रारूप: वैंकेया
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीसैट को लेकर उठे विवाद के बाद अब यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा के पूरे प्रारूप पर मशविरा होगा। संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने उत्तेजित सांसदों को आश्वस्त किया है कि इसकी प्रारंभिक परीक्षा खत्म होने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी और सर्वसम्मति से कोई रास्ता निकालने की कोशिश होगी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीसैट को लेकर उठे विवाद के बाद अब यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा की परीक्षा के पूरे प्रारूप पर मशविरा होगा। संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने उत्तेजित सांसदों को आश्वस्त किया है कि इसकी प्रारंभिक परीक्षा खत्म होने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी और सर्वसम्मति से कोई रास्ता निकालने की कोशिश होगी।
सरकार के इस आश्वासन के बाद कि अंग्रेजी के 20 अंक योग्यता सूची में नहीं जुड़ेंगे, उत्तेजित परीक्षार्थी तो संयत हो गए हैं लेकिन राजनेताओं के लिए यह मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को फिर कई दलों के उत्तेजित थे। लोकसभा में अन्नाद्रमुक नेता थंबीदुरई ने मांग की कि सिविल सेवा की परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी में ही नहीं सभी मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय भाषाओं में भी होनी चाहिए। उनकी इस मांग का समर्थन कई दलों की ओर से हुआ।
राज्यसभा में कोई सवाल-जवाब तो नहीं हुआ लेकिन सपा, बसपा, जदयू, राजद जैसे दलों के कई नेता वेल में जरूर नजर आए। शोर शराबे में कुछ देर के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित भी रही।
बहरहाल, नायडू ने स्थिति संभाल ली। उन्होंने कहा कि सीसैट को लेकर आपत्ति जताई जा रही थी जिस पर सरकार ने एक फैसला लेकर परीक्षार्थियों के लिए राहत दिया है। 24 अगस्त को उनकी परीक्षा है, लिहाजा सांसदों को भी फिलहाल ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे खलल हो।
उन्होंने कहा कि यूपीएससी की परीक्षा के जरिये देश के उच्चस्थ अधिकारियों का चयन होता है। लिहाजा एक झटके में उसके प्रारूप को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। सत्र की समाप्ति और प्रारंभिक परीक्षा के बाद सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। यूपीएससी से भी विचार विमर्श होगा और तब दूसरे पहलू में संशोधन पर चर्चा होगी।
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