महिलाओं की पिटाई पर संसद में हंगामा, बीफ पर बवाल
गुजरात में दलित युवकों की पिटाई के मुद्दे पर संसद दो दिनों तक बाधित रही और बुधवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश में दो महिलाओं की पिटाई का मुद्दा उठाया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही बसपा पर चुनावी रंग चढ़ चुका है। किसी भी मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरने से चूक नहीं रही है। गुजरात में दलित युवकों की पिटाई के मुद्दे पर संसद दो दिनों तक बाधित रही और बुधवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश में दो महिलाओं की पिटाई का मुद्दा उठाया।
बसपा प्रमुख मायावती ने इस मसले के साथ भाजपा पर दयाशंकर सिंह को गिरफ्तारी से बचाने का भी आरोप लगाया। इसके बाद राज्यसभा में हंगामा होने लगा। बसपा के साथ कांग्रेस के सदस्यों ने भी वेल में आकर नारे लगाने शुरू कर दिए। सदन में शून्यकाल शुरू होते ही बसपा नेता मायावती ने मध्य प्रदेश में दो मुस्लिम महिलाओं को बीफ रखने के शक में पीटे जाने का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि महिला गो रक्षकों के एक समूह ने मंदसौर रेलवे स्टेशन में पुलिस के सामने ही दोनों महिलाओं की पिटाई की।
इस पर तल्खी भरे अंदाज में मायावती ने सदन में कहा कि भाजपा एक ओर तो बालिकाओं की सुरक्षा और महिलाओं के सम्मान को बनाए रखने की बात करती है, लेकिन उनके राज्य में महिलाओं के साथ गुंडागर्दी होती है। बसपा नेता ने गुजरात के ऊना में चार दलित युवकों की पिटाई की घटना का भी जिक्र किया। कांग्रेस के सदस्यों ने मायावती की बात का समर्थन किया। मायावती ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से सवाल किया कि उनके समुदाय की महिलाओं को गो रक्षा के नाम पर निशाना क्यों बनाया जा रहा है।
मायावती की बात पूरी होते ही बसपा के सदस्य आसन के समीप आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने गोरक्षा के नाम पर दलितों पर हो रहे हमले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया। आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने तो चाय पर चर्चा की है, वह मन की बात करते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर वह क्यों नहीं बोल रहे हैं? शून्यकाल को बाधित करने पर उपसभापति पीजे कुरियन ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कुल 13 सदस्यों ने अपनी बात कहने के लिए नोटिस दिया है। इस तरह के मामलों पर चर्चा के लिए पूर्व में नोटिस दिया जाना चाहिए। कुरियन ने मायावती नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद से अपने-अपने दलों के सदस्यों को वापस बुलाने को कहा।
आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी सैद्धांतिक रूप से गो रक्षा के खिलाफ नहीं, लेकिन इसके नाम पर दलितों और मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ है। नारेबाजी करने वाले सदस्यों को अपनी सीटों पर लौट जाने के बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश को लाठी-डंडों से नहीं बल्कि कानून और संविधान से चलाया जाता है। हम दलितों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को किसी भी तरह सही नहीं ठहराते। इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है।
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