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नई उद्योग नीति पर फिर हंगामा, विपक्ष ने मांगा उद्योग मंत्री का इस्तीफा

जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा में आज जमकर हंगामा हो गया। इस दौरान सत्‍तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ और नेशनल कांफ्रेंस ने उद्योग मंत्री से इस्‍तीफेे की मांग भी की।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 16 Jun 2016 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jun 2016 04:24 PM (IST)

श्रीनगर, (राज्य ब्यूरो)। राज्य में नई औद्योगिक नीति के मुददे पर आज एक बार फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। नेशनल कांफ्रेंस ने उद्योग मंत्री से इस्तीफे की मांग की तो वित्तमंत्री डा हसीब द्राबु ने पलटवार करते हुए कहा कि आप सिर्फ विवाद पैदा करना जानते हैं। अगर राज्यपाल का अभिभाषण ही सही ढंग से पढ़ा होता तो पता चल जाता कि औद्योगिक नीति कुछ प्रावधानों को छोड़ अन्य सभी को लागू किया गया है।

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रही सही कसर वित्तमंत्री ने जीएसटी के मुददे पर नेकां को कठघरे में खड़ी कर पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि मुझसे पहले जो हमारे वित्तमंत्री थे, वह जीएसटी की स्टयीरिंग कमेटी के चेयरमैन थे। लेकिन उन्होंने इस मामले में राज्य के हितों की सुरक्षा को यकीनी बनाने का कोई काम नहीं किया। लेकिन हमने केंद्र से साफ कर दिया है कि राज्य के विशेषाधिकार और संविधान पर इस कर प्रणाली के जरिए कोई आघात न हो, इसकी ठोस व्यवस्था होगी, तभी हम भागीदार होंगे।

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आज सुबह राज्य विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही पीडीएफ विधायक हकीम मोहम्मद यासीन ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि नई औद्योगिक नीति पर अमल नहीं हाेे रहा है और दूसरी तरफ गत रोज उद्योग मंत्री कहते हैं कि इसे लागू किया गया है। माकपा विधायक मोहम्मद युसुफ तारीगामी और निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद के अलावा कांग्रेस के न्वांग रिग्जिन जोरा व नेकां के अली मोहम्मद सागर ने भी इस मुददे पर बोलना शुरु कर दिया।

सदन में मौजूद वित्तमंत्री डा हसीब द्राबु ने मामला बड़ते देख स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया। उन्होंने स्पीकर से कहा कि मैं उद्योग नीति और जीएसटी के मामले पर बयान देना चाहता हूं। इसके बाद उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 25 मई 2016 को राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया है, अगर उसे सही तरीके सुना या पढ़ा होता तो यह विवाद नहीं होता।

उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण के पैरा 56 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें साफ लिखा है कि नई उद्योग नीति को लागू किया गया है। सिर्फ भूमि अनुदान के मुददे पर विवाद को देखते हुए संबधित प्रावधान लागू नहीं किए गए हैं। उनकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर नीति में कोई बदलाव होता है तो बजट सत्र के संपन्न होने पर उसे एसआरओ जारी कर लागू किया जाएगा।

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इस पर नेकां विधायक अली मोहम्मद सागर ने कहा कि आपके शिक्षामंत्री कुछ कहते हैं, उसके बाद उद्योग मंत्री ने कहते हैं कि नीति को लागू किा गया है जबकि आप कहते हैं कि भूमि अनुदान अधिनियम के प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है। आप सदन को गुमराह कर रहे हैं। उद्योग मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। उनके साथ कांग्रेस के विधायकों के साथ निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने भी सत्तापक्ष की तरफ देखते हुए बोलना शुरु कर दिया और सदन में शोरोगुल शुरु हो गया।

वित्तमंत्री ने इसी शोरोगुल में अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि जीएसटी के मुददे पर भी हम पूरी तरह स्पष्ट हैं। मेरे से पहले आपकी सरकार में जो वित्तमंत्री थे, वह जीएसटी की स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन थे। उन्होंने राज्य के हितों की उपेक्षा की। लेकिन मैं यहां सदन में बता देना चाहता हूं कि तमिलनाडु इस व्यवस्था का विरोध एक उत्पादक राज्य होने के कारण विरोध कर रहा है।

डा द्राबु ने कहा कि मैने जीएसटी के मुददे पर हुई बैठक में साफ साफ कहा है कि नई कर प्रणाली के जरिए किसी भी तरह से जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे, संविधान को नुक्सान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हमने केंद्र से एक ऐसी विशेष समिति और व्यवस्था के लिए कहा है जो जम्मू कश्मीर के संविधान को किसी भी तरह से आघात पहुंचाए बिना जीएसटी के तहत कर वसूल सके। जब तक हमें इसकी गारंटी नहीं मिलेगी,हम जीएसटी व्यवस्था का हिस्सा नहीं होंगे।

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वहीं हैलीकाप्टर सेवाओं पर कर लगाए जाने के मुददे पर आज निर्दलीय विधायक पवन कुमार ने वित्तमंत्री डा हसीब द्राबु के साथ ही तीखी नोंक झोंक के बाद सदन से वाकआऊट कर दिया। विधायक ने आरोप लगाया संघ सूची के विषय पर कर लगा, राज्य सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। यह अवैध है। वित्तमंत्री ने भी उन्हें चुनौति देते हुए कहा कि वह अदालत में जाएं।


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