भारत के साथ संबंधों को लेकर उत्साहित है चीन, द्विपक्षीय संबंधों को बताया मजबूत
चीन ने भारत के साथ अपने संबंधो को लेकर एक सकारात्मक तस्वीर पेश की है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत के साथ संबंधों को लेकर चीन ने एक उत्साहजनक तस्वीर पेश की है। एशिया-प्रशांत सुरक्षा पर चीन के नीतिगत दस्तावेज में कहा गया है कि भारत के साथ उसके संबंध 'और गहरे' हुए हैं। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, हालांकि इस दस्तावेज में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने और एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर चीनी रूख का जिक्र नहीं किया गया है।
बुधवार को "एशिया-प्रशांत सुरक्षा सहयोग पर चीन की नीतियां" नाम से जारी एक श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सी-पैक) और वियतनाम के साथ भारत के संबंध मजबूत होने के बावजूद भी चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हुई है।
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इस दस्तावेज में एक रोचक बात यह है कि इसमें पाकिस्तान का जिक्र किए बिना आतंकवाद से लड़ने की बात कही गयी है। दस्तावेज में कहा गया है, "चीन मानता है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले स्थानों को खत्म करने के लिए विभिन्न देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़नी चाहिए जिसका समाधान राजनीतिक, आर्थिक और राजनयिक माध्यमों से होना चाहिए। इसके साथ ही, आतंकवाद से लड़ने के लिए दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। आतंकवाद को किसी विशेष देश, नस्ल या धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए।"
हालांकि, चीन ने इस दस्तावेज में एनएसजी में भारत की इंट्री और लश्कर सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने वाली भारतीय मांग का कोई जिक्र नहीं किया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केक्विआंग के साथ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पीएम मोदी बैठकों का भी जिक्र करते हुए कहा गया है, 'दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर संपर्क और तालमेल को बेहतर रखा है तथा संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, जी20 में आपसी सहयोग बढ़ाया है।
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दस्तावेज में दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में भी सुधार होने की बात कही गई है। इसमें बताया गया है, 'चीन और भारत की सेनाओं के बीच पारस्परिक संबंध मजबूत और स्थिर रहे हैं।'
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