यूपी चुनावः किसी को नहीं मिलेगा बहुमत, सपा-भाजपा में टक्कर
एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए ओपिनियन पोल के नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस ओपिनियन पोल में यूपी में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिखाया गया है।
नई दिल्ली। यूपी चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। प्रदेश में तेजी से दलबदल का खेल चल रहा है। यह अंदाजा लगाना बिल्कुल आसान नहीं है कि अगले साल लखनऊ की सत्ता किसके पास रहेगी। ऐसे में एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए ओपिनियन पोल के नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस ओपिनियन पोल में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है।
सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो सपा को 403 सीटों में से 141 से 151 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 124 से 134 सीटें और बसपा 103-113 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस की हालत काफी खराब है। उसे 8 से 14 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
सीएम के तौर पर अखिलेश का जलवा कायम
ओपिनियन पोल के मुताबिक मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की पहली पसंद अखिलेश और मायावती दोनों हैं। दोनों को पोल में शामिल 34 फीसदी लोगों का वोट मिला है। ओपिनियन पोल के मुताबिक अखिलेश सरकार से करीब 61 प्रतिशत जनता संतुष्ट है। सीटें किसे ज्यादा मिलेंगी इसमें सपा और भाजपा में कड़ी टक्कर है। भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी होती दिख रही है। कानून और व्यवस्था पर उठते रहे सवालों के बावजूद यूपी की जनता की पहली पसंद अखिलेश सराकार बनी हुई है। सर्वे में जनता से मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद, सवर्ण, दलित, ओबीसी, यादव, मुस्लिम वोटर का रूख जानने की कोशिश की गई। किस इलाके में कौन सी पार्टी आगे रहेगी? प्रियंका के आने से कांग्रेस को क्या फायदा होगा? सबसे अधिक सीटें किसे मिलेंगी? ऐसे सवालों का जवाब भी तलाशने की कोशिश की गई है।
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मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर?
सीएम के रूप में मायावती और अखिलेश को 34-34 फीसदी लोग मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। भाजपा अभी मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार को चयन नहीं कर पाई है। अखिलेश और मायावती के बाद लोगों की तीसरी पसंद गृह मंत्री राजनाथ सिंह हैं। सात फीसदी वोटर राजनाथ सिंह को यूपी की कमान संभालते देखना चाहते हैं। उसके बाद नंबर आता है भाजपा के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ का, जिन्हें 4 फीसदी वोटर सीएम बनाना चाहते हैं। एक अन्य पहलू यह है कि सीएम अखिलेश यादव से 61 फीसदी लोग संतुष्ट हैं और एसपी से 60 फीसदी।
सवर्ण का हाथ किसके साथ?
उत्तर प्रदेश में करीब 18 फीसदी सवर्ण वोटर हैं। ओपिनियन पोल में 65 विधानसभाओं के 4,562 लोगों से यह सवाल किया गया। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक सवर्ण वोटर भाजपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। सर्वे की मानें, तो आधे से ज्यादा सवर्ण वोटर भाजपा के साथ हैं और 15 फीसदी के करीब वोटर एसपी सरकार के पक्ष में हैं। ओपिनियन पोल में बसपा की तरफ करीब 9 फीसदी सवर्ण वोट जाता दिख रहा है।
यादव वोटर का रुख किस ओर?
उत्तर प्रदेश की जाति आधारित राजनीति के एक अहम किरदार यादव वोटर भी हैं। इस ओपिनियन पोल के मुताबिक यूपी में यादव वोटर अब भी एसपी के साथ दिख रहे हैं। यूपी में करीब 10 प्रतिशत यादव वोटर हैं। पोल के मुताबिक 68 फीसदी यादव वोटर एसपी के पक्ष में जा सकते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा इस वोट बैंक पर सेंध लगाने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार पोल के मुताबिक करीब 16 फीसदी यादव वोटर उसके खाते में जाते दिख रहे हैं।
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मुस्लिम किसके साथ?
यूपी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं जो चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। मुलायम का एम-वाई (M-Y) फैक्टर हो या मायवाती की सोशल इंजिनियरिंग, दोनों में मुस्लिम वोटर का साथ अहम रहा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक 62 फीसदी मुस्लिम वोट सत्ताधारी एसपी के साथ हैं। वहीं बीएसपी के साथ 18 फीसदी वोटर जा सकते हैं। कांग्रेस को 8 फीसदी मुस्लिम वोटरों का साथ मिल सकता है।
दलित रहेंगे 'हाथी' के साथ?
दलित वोट बैंक के दम पर चार बार मुख्यमंत्री बन चुकीं मायावती को दलित वोटर का साथ अभी भी मिलता दिख रहा है। 22 फीसदी दलितों में से 14 फीसदी जाटव हैं और ओपिनियन पोल के मुताबिक उनमें से 75 फीसदी जाटव मायावती को ही सीएम देखना चाहते हैं। बीजेपी 8 फीसदी जाटव और 16 फीसदी अन्य दलित वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित कर पाने में सफल हो सकती है।
आज चुनाव हुए तो इनको मिलेंगी इतनी सीटें
सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता दिख रहा है। एसपी को 403 सीटों में से 141 से 151 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 124-134 और बीएसपी 103 से 113 सीटें मिल सकती हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने वाली कांग्रेस को केवल 8 से 14 सीटें ही मिल सकती हैं।
कैसे हुआ सर्वे ?
23 जुलाई से 7 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश की 403 में से 65 विधानसभा सीटों पर सर्वे किया गया। 256 पोलिंग बूथ पर यह सर्वे किया गया जिसमें 4 हजार 452 वोटरों की राय ली गई।
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