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    उप्र एटीएस ने दिए थे आतंकियों के इनपुट

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    Updated: Thu, 22 May 2014 05:55 AM (IST)

    झारखंड में पकड़े गए आइएम आतंकियों के बारे में सबसे अहम सुराग उत्तर प्रदेश (उप)्र के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने दिए थे। यूं तो इनकी शिनाख्त पटना में मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के विस्फोट के दौरान ही हो गई थी व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इनाम रखकर तलाश भी शुरू कर दी

    जागरण ब्यूरो, लखनऊ। झारखंड में पकड़े गए आइएम आतंकियों के बारे में सबसे अहम सुराग उत्तर प्रदेश (उप)्र के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने दिए थे। यूं तो इनकी शिनाख्त पटना में मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के विस्फोट के दौरान ही हो गई थी व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इनाम रखकर तलाश भी शुरू कर दी थी, लेकिन इनकी विशेष जानकारी मीरजापुर व इलाहाबाद में आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों के पकड़े जाने के बाद हुई।

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    बोधगया में विस्फोट की सामग्री मेरठ से खरीदी गई थी, जबकि पटना के लिए सामग्री मीरजापुर के युवाओं ने उपलब्ध कराई। पिछले साल 27 अक्टूबर को पटना में मोदी की रैली में धमाका हुआ तो जांच-पड़ताल में यह इनपुट मिला कि धमाके का तार उप्र से जुड़ा है। मार्च में एटीएस के इनपुट पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पटना विस्फोट में शामिल चार युवाओं को मीरजापुर व इलाहाबाद से गिरफ्तार किया। पकड़े गए मीरजापुर के कटरा कोतवाली निवासी फखरुद्दीन ने विस्फोटकों की आपूर्ति की थी और इसमें अहमद हुसैन व राजू उसके सहयोगी बने। इलाहाबाद के मांडा निवासी अनिल पाण्डेय ने विस्फोटक सामग्री से लेकर टाइमर तक की खरीददारी कराई। तहसीन की गिरफ्तारी के बाद भी उप्र एटीएस ने बिहार के औरंगाबाद के खरियामा मदनपुर निवासी हैदर अली, रांची के धुर्वा निवासी व पांच लाख के इनामी मुजिबुल्लाह और उसी मोहल्ले के नुमान अंसारी के बारे में सूचनाएं ली।

    झारखंड में पकड़े गए आरोपियों से एटीएस टीम पूछताछ करेगी। चूंकि दोनों ब्लास्ट की सामग्री उप्र से ली गई थी, इसलिए टीम इससे जुड़े लोगों की शिनाख्त और तह तक जाने का प्रयास करेगी।

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