दो दुल्हनों के साथ दूल्हे ने एक ही मंडप में लिए फेरे
मंडप एक और दूल्हा भी एक लेकिन दुल्हनें दो। दुल्हनों का नाम भी एक-'शर्मिला'। सात फेरे लिए तो पूरा गांव गवाह बना। अब तीनों साथ-साथ हैं। शिकायत न होने से कानून के हाथ बंधे हैं तो समाज ने इस विवाह का स्वागत किया है।
आलीराजपुर, ब्यूरो। मंडप एक और दूल्हा भी एक लेकिन दुल्हनें दो। दुल्हनों का नाम भी एक-'शर्मिला'। सात फेरे लिए तो पूरा गांव गवाह बना। अब तीनों साथ-साथ हैं। शिकायत न होने से कानून के हाथ बंधे हैं तो समाज ने इस विवाह का स्वागत किया है।
वाक्या मध्य प्रदेश के आलीराजापुर जिले के बोरखड़ कस्बे का है। गति दिनोँ रतु पिता दशरिया (23) ने अपनी दो प्रेमिकाओं के साथ सात फेरे लिए। रतु मजदूरी करता है। करीब तीन साल पहले उसे ग्राम पलासदा की शर्मिला से प्यार हो गया था, बाद में उसे भगा लाया और पत्नी की तरह रखने लगा। दो बच्चे भी हो गए। पिछले साल अजंदा गांव की मजदूर युवती शर्मिला से भी इश्क हो गया। उसे भी ले आया और दोनों को पत्नी की तरह रखने लगा। बस रस्म निभाकर सामाजिक मान्यता अब दी।
इस समाज की परंपराएं अलग
अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेश राठौर का कहना है कि आदिवासी समाज की मान्यताएं, जो इन्हें हिंदू विवाह अधिनियम से अलग करती हैं। समाज में ऐसे विवाहों की सामाजिक मान्यताएं भी हैं। यह सही है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत इस तरह के विवाह गैर कानूनी हैं।
साभारः नई दुनिया