उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक
दत्तात्रेय ने बताया, उत्तर प्रदेश की नई सरकार से जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए बात करेंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। हालांकि केंद्र जल्द ही इस समस्या से निपटने के लिए नवगठित राज्य सरकार के साथ समझौता करने जा रही है। सोमवार को केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने संसद को यह जानकारी दी। उन्होंने लोकसभा में कहा, राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी का औसत 5.8 फीसद है। ग्रामीण इलाकों में 3.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। शहरी इलाकों में 4.4 फीसद बेरोजगारी दर थी। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर 5.8, जबकि शहरी इलाकों में 6.5 फीसद रही, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
दत्तात्रेय ने बताया, उत्तर प्रदेश की नई सरकार से जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए बात करेंगे। देश में 470 नौकरी मेला लगाए गए, जिसमें से 21 उत्तर प्रदेश में आयोजित किए गए।
विश्व पर्यटन सूची में 20 स्थान की छलांग
एक अन्य सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने बताया, 'विश्व पर्यटन सूची में भारत ने 20, जबकि पर्यटकों की सुरक्षा और बचाव सूची में 15 स्थान की छलांग लगाई है।' विश्व पर्यटन संगठन की रैंकिंग के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर भारत 40वें नंबर पर है। भारत ने पर्यटन सूचकांक में 12 फीसद की बढ़ोतरी की है।
उन्होंने बताया, पर्यटकों की सुरक्षा और बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह का साथ मिला। महेश शर्मा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की ओर से यात्रा, पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र में मानव संसाधन की जरूरत को लेकर तैयार रिपोर्ट का हवाला दिया। कहा, 2022 तक पर्यटन क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की संख्या 1.3 करोड़ से ज्यादा होगी।
दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण अधिक
दिल्ली की अधिकांश जगहों में ध्वनि प्रदूषण और पर्टिकुलेट मैटर (अति सूक्ष्म कण) का स्तर स्वीकृत सीमा से अधिक है। कुछ स्थानों पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओटू) का स्तर अनुमति सीमा से अधिक है। सरकार ने राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए कहा, हालांकि 2014-16 के दौरान दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता आंकड़े प्रदूषण के स्तर में दिन-प्रतिदिन लगातार वृद्धि होता नहीं दिखाते हैं।
पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की ओर से जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम के तहत दिल्ली और एनसीआर के आसपास की वायु की गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। इसके अंतर्गत दिल्ली और एनसीआर में 21 निगरानी केंद्र बनाए गए हैं।
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