एनजीटी ने जारी किया दिल्ली के फाइव स्टार होटलों को नोटिस
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने इन्हें दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 की धज्जियां उड़ाकर कचरा फैला रहे दिल्ली के कई फाइव स्टार होटलों, मॉल, अस्पतालों, शैक्षिक संस्थानों और रेजीडेंशियल सोसाइटीज को नोटिस जारी किया है। एनजीटी ने इनसे यह भी पूछा है कि क्यों न उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने इन्हें दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। एनजीटी का कहना है कि सीवेज को ट्रीट करने में नाकाम रहने वाली इन संस्थाओं पर क्यों न पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
एनजीटी ने जिनको नोटिस जारी किए हैं उनमें आठ होटल व दो अस्पताल नई दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र मंे हैं जबकि सात होटल, चार मॉल, पांच अस्पताल, रेलवे और बस स्टेशन पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में हैं। इसके अलावा ऐसे कई संस्थान उत्तरी और दक्षिण नगर निगम क्षेत्र में भी हैं।
एनजीटी ने यह आदेश इसकी एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया था कि इस तरह ये संस्थान कचरे को सही ढंग से निपटाने में नाकाम रहे हैं। इस समिति में पर्यावरण व शहरी विकास मंत्रालयों के अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगमों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। साथ ही इसमें चार स्वतंत्र विशेषज्ञ भी बतौर सदस्य शामिल थे।
इनमें एनजीटी के पूर्व सदस्य जीके पांडेय और डी के अग्रवाल, डा. आर डलवानी और डा. राशिद हसन शामिल हैं। एनजीटी ने समिति को सभी फाइव स्टार होटलों, 200 बेड से अधिक की क्षमता वाले अस्पतालों और सहकारी आवासीय सोसाइटी के निरीक्षण का आदेश दिया था।
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