उमर गांदरबल से ही लड़ेंगे चुनाव
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दोबारा गांदरबल से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, इसकी अभी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उनका यहां से चुनाव लड़ना तय है। पार्टी के अतिरिक्त महामंत्री डॉ. शेख मुस्तफा कमाल को उत्तरी कश्मीर में टंगमर्ग सीट का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि नेशनल कांफ्रेंस ने मुख्यमंत्री उमर
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दोबारा गांदरबल से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, इसकी अभी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उनका यहां से चुनाव लड़ना तय है। पार्टी के अतिरिक्त महामंत्री डॉ. शेख मुस्तफा कमाल को उत्तरी कश्मीर में टंगमर्ग सीट का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि नेशनल कांफ्रेंस ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, डॉ. मुस्तफा कमाल समेत अपनी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के चुनाव क्षेत्रों का एलान नहीं किया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के चुनाव क्षेत्र को लेकर विभिन्न अटकलों का दौर जारी था। गांदरबल में पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री काजी मुहम्मद अफजल की मजबूत स्थिति नेकां की स्थानीय इकाई में अंतरकलह और सत्तापक्ष के खिलाफ लोगों के रोष को देखते हुए पार्टी में उन्हें सोनवार या हजरतबल से चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा था।
अलबत्ता, राज्य में चुनावी बिगुल बजने के बाद नेकां की संसदीय सलाहकार समिति ने अंतिम सूची को तय करने का काम शुरू कर दिया है। एक वरिष्ठ नेकां नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने निर्वाचण क्षेत्र गांदरबल को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने वहीं से दोबारा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बस अब इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है। नेकां नेता के मुताबिक, हजरतबल विधानसभा क्षेत्र से जहां वर्ष 2008 में उनके पिता डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने चुनाव जीता था और बाद में उनके चाचा डॉ. मुस्तफा कमाल उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे, अब मुहम्मद सईद अखून चुनाव लड़ेंगे। डॉ. अब्दु ल्ला से पहले अखून ही हजरतबल सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। डॉ. मुस्तफा कमाल को फिर उत्तरी कश्मीर में टंगमर्ग विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में उतारे जाने की संभावना है।
डॉ. मुस्तफा कमाल को अगर टिकट मिलता है तो उन्हें कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर से मुकाबला करना पड़ेगा। डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के प्रमुख गुलाम हसन मीर के लिए कांग्रेस ने पहले ही यह सीट छोड़ रखी है। हजरतबल सीट से अखून को प्रत्याशी बना, नेकां नेतृत्व ने गांदरबल में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की राह आसान बनाने का प्रयास किया है। गांदरबल में शेख इश्फाक जब्बार ने टिकट न मिलने पर बतौर निर्दलीय मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है। नेकां में शामिल होने से पूर्व जब्बार गांदरबल में कांग्रेस का चेहरा थे। वह नेकां नेता अखून के दामाद भी हैं।
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