लश्कर को ISI से मिलती है वित्तीय मदद : उज्ज्वल निकम
हेडली की गवाही के बाद अब ये साफ हो गया है कि पाक प्रायोजित आतंकवाद का भारत शिकार है।लगातार सबूतों के बाद गेंद पाकिस्तान के पाले में है कि अब वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने ये साबित करे कि वो उनका कोई भी स्टेट एक्टर दहशतगर्दी में शामिल नहीं है।
मुंबई। हेडली की गवाही के बाद अब ये साफ हो गया है कि भारत पाक प्रायोजित आतंकवाद का शिकार है। लगातार सबूतों के बाद अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है कि अब वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने ये साबित करे कि वो उनका कोई भी स्टेट एक्टर दहशतगर्दी में शामिल नहीं है। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा कि हेडली ने जो गवाही दी है वो ये साबित करती है कि आइएलआइ लश्कर को आर्थिक तौर पर मदद करती है।
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ISI से थे गहरे संबंध
हेडली ने खुद ये स्वीकार किया है कि उसके पाक खुफिया एजेंसी से गहरे संबंध थे। आइएसआइ लश्कर, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और दूसरे आतंकी संगठनों को वित्तीय, नैतिक रणनीतिक मदद देता रहा है। हेडली न केवल आइएसआइ के संपर्क में था बल्कि वो पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारियों से मिलता जुलता रहता था।
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आइएसआइ के नापाक अफसरों से मिला हेडली
हेडली ने बताया कि वो आइएसआइ के ब्रिगेडियर रियाज, कर्नल शाह, लेफ्टिनेंट जनरल हम्जा और मेजर समीर अली से मिला था। कर्नल शाह से वो एक बार मिला था जबकि समीर अली से उसकी मुलाकात अक्सर होती रहती थी। हेडली ने कहा कि वो सुन रखा था कि ब्रिगेडियर रियाज लश्कर कमांडर जकीउर रहमान लखवी का हैंडलर था।
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