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    शिया धर्मगुरु ने कहा, जाकिर नाइक पर अवश्य कार्रवाई करे सरकार

    By kishor joshiEdited By:
    Updated: Fri, 15 Jul 2016 01:41 AM (IST)

    शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार को उनके खिलाफ जरूर कार्रवाई करनी चाहिए।

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    नई दिल्ली, प्रेट्र। बांग्लादेशी आतंकवादियों के प्रेरणास्रोत विवादित इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक पर शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने करारा हमला बोला है। उन्होंने नाइक को उस नेटवर्क का हिस्सा बताया है, जो आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटा हुआ है।

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    गुरुवार को मौलाना जव्वाद ने कहा कि सरकार को विवादित मुस्लिम धर्म प्रचारक के खिलाफ जरूर कार्रवाई करनी चाहिए। विदेश से उसकी भारी फंडिंग की भी जांच की जानी चाहिए। शिया धर्म गुरु ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उपरोक्त टिप्पणी की। उनका कहना था, 'दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए इस तरह के धर्म प्रचारक ज्यादा जिम्मेदार हैं। इस तरह के लोग आइएस के प्रति आकर्षित होने वाले युवाओं से ज्यादा खतरनाक हैं। नाइक इस प्रकार के लोगों के नेटवर्क का हिस्सा है।

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    बकौल मौलाना जव्वाद, 'उप्र सरकार ने पांच वर्ष पूर्व ही जाकिर नाइक पर रोक लगा दिया है। लेकिन केंद्र सरकार अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है। केंद्र को भी ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने नाइक के इस दावे को खारिज कर दिया कि वह निर्दोष है। शिया धर्म गुरु के अनुसार, 'विवादित धर्म प्रचारक युवाओं को भड़काने में शामिल है। जाकिर ने पहले भी अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का खुलेआम समर्थन किया था।' मौलाना कल्बे जव्वाद बोले, 'जब नाइक यह कहता है कि मुस्लिम युवकों को अमेरिका के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहिए तो ऐसा कह कर वह युवाओं को भड़का ही रहा है। जाकिर नाइक वहाबी विचारधारा का प्रचारक है। सभी आतंकवादी इसी विचारधारा के अनुयायी हैं।'

    मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से जाकिर के रिश्ते संबंधी मीडिया खबरों पर उन्होंने कहा, 'खुफिया विभाग को इसकी गहराई से जांच करनी चाहिए। अगर कोई संबंध स्थापित होता तो उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।' शिया धर्म गुरु ने सवालिया अंदाज में पूछा, 'नाइक को विदेश से पैसा मिलता है। उसे विदेशी अनुदान नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत इतनी बड़ी-बड़ी धनराशि हासिल करने की इजाजत कैसे मिली हुई है? इसकी जांच होनी चाहिए कि उसके संगठन को कहां-कहां से धन मिलता है।' उन्होंने आइएस के खिलाफ अंजुमन-ए-हैदरी (एईएच) द्वारा शुरू किए गए जनांदोलन का गला घोंटने का आरोप केंद्र पर लगाया।

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    दारुल उलूम के फतवे भी हैं खिलाफ

    आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर सरकारी सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर चल रहे जाकिर नाइक के खिलाफ देश की प्रतिष्ठित इस्लामिक संस्था दारुल उलूम, देवबंद ने पहले ही लोगों को आगाह कर रखा है। ढाका हमले से काफी पहले दारुल उलूम नाइक के खिलाफ कम से कम सात फतवे जारी कर चुका है। अप्रैल, 2007 में जब डॉ. जाकिर नाइक के बारे में राय पूछी गई तो दारुल उलूम की ओर से कहा गया, 'उसे गहराई से जानकारी नहीं है। इसलिए वह विश्वसनीय नहीं है। मुसलमानों को उसे सुनने से परहेज करना चाहिए।'

    इसके बाद इस नामचीन मदरसे ने 2008 में भी जाकिर के खिलाफ फतवा जारी किया। इसमें कहा गया था, 'नाइक विद्वान उलेमा के रास्ते से भटक चुका है। इसलिए लोगों को उसकी तकरीर से दूर ही रहना चाहिए।' 2009 में भी दारुल उलूम ने जाकिर को लेकर लोगों को आगाह किया और उसकी तकरीरों से दूर रहने के लिए कहा। फतवे में कहा गया था, 'वह मजहब की राह से भटका हुआ है। इसलिए लोग उसके भाषणों से दूर ही रहें।' फरवरी, 2012 के फतवे में दारुल उलूम ने जाकिर को स्वयंभू विद्वान करार दिया था। कहा था कि उसे धर्म का प्रचार करने का कोई अधिकार नहीं है। वह यहूदियों और ईसाइयों का ड्रेस पहनता है। हालांकि दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना अशरफ उस्मानी ने कहा कि मौजूदा विवाद के मद्देनजर इन फतवों का इस्तेमाल गलत है।

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