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    हरियाणा में बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में हैं आतंकी!

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 31 May 2016 09:14 PM (IST)

    एनआईए ने आशंका जताई है कि आतंकी हरियाणा में किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। यह आशंका पिछले दिनों हरियाणा की बस में हुए विस्‍फोट के चलते जताई गई है।

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    नई दिल्ली (प्रेट्र)। हरियाणा में इस साल तीन हल्के बम धमाके एक ही शख्स ने किए थे। ये धमाके बड़े आतंकी हमले की तैयारी के तहत भी हो सकते हैं। ऐसी आशंका राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जाहिर की है। एजेंसी ने 26 मई को पिपली के निकट बस में हुए विस्फोट की जांच रिपोर्ट हरियाणा पुलिस को सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बस में हुए विस्फोट की क्षमता 16 जनवरी और 12 मई को हुए विस्फोटों जैसी ही थी।

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    सोनीपत से चंडीगढ़ जा रही बस में विस्फोट के दौरान आठ लोग जख्मी हुए थे। इससे पहले 16 जनवरी को पानीपत रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन में विस्फोट हुआ था। बम इंजन के ठीक बाद वाली बोगी में रखा गया था। विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था। 12 मई को विस्फोट ईएमयू ट्रेन में हुआ था। ट्रेन दिल्ली से पानीपत पहुंची थी और बोगियां यार्ड में भेजी जा चुकी थीं। विस्फोट के बाद आग लग गई थी।

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    विस्फोटक वही, पैकिंग अपग्रेड

    एनआइए ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तीनों विस्फोटों में अमोनियम नाइट्रेट और पोटेशियम क्लोरेट का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोटक उपकरण को 12 वोल्ट की बैटरी के जरिए घड़ी से जोड़ा गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि बम बनाने वाला शख्स विस्फोटक उपकरण को अपग्रेड करने की कोशिश में लगा हुआ है। जनवरी में हुए धमाके में विस्फोटक सामग्री को गत्ते के बॉक्स में बंद किया गया था। जबकि 12 मई के धमाके में जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसे प्लास्टिक के बॉक्स में बंद किया गया था।

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    26 मई को बस में हुए धमाके में विस्फोटक को एल्यूमिनियम बॉक्स में पैक किया गया था। पहले दो विस्फोटकों की पैकिंग के लिए सामान्य टेप का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन बस में हुए धमाके में विस्फोटक को सर्जिकल टेप के जरिए पैक किया गया था। सर्जिकल टेप की चिपकने की क्षमता काफी बेहतर होती है। विस्फोटों में बड़े पैमाने पर इसलिए लोग हताहत नहीं हुए, क्योंकि क्योंकि कील या अन्य नुकीली सामग्रियां पैक नहीं की गई थी।

    बैटरी खोलेगी राज

    पिपली के निकट बस में हुए विस्फोट में जिस बैटरी का इस्तेमाल किया गया था, उसका सीरियल नंबर नष्ट नहीं हो पाया है। इससे एजेंसी को जांच आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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