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    असम बांग्लादेश से, पाकिस्तान मुझसे परेशान: मोदी

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    Updated: Sat, 22 Feb 2014 11:27 PM (IST)

    सिलचर [असम]। भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक पखवाड़े के भीतर दूसरी बार पूर्वोत्तर का रुख किया। अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने संप्रग सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह सरकार बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने में नाकाम रही है।

    सिलचर [असम]। भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक पखवाड़े के भीतर दूसरी बार पूर्वोत्तर का रुख किया। अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने संप्रग सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह सरकार बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने में नाकाम रही है। असम के सिलचर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि असम के लोग बांग्लादेश से और पूरा पाकिस्तान मुझसे परेशान है। इसके साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि बांग्लादेश से विस्थापित हिंदुओं के लिए देश में व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने वादा किया कि केंद्र की सत्ता में आने पर उनकी पार्टी शरणार्थी शिविरों को खत्म कर देगी। वहीं अरुणाचल की रैली में विदेश नीति के मुद्दे पर पहली बार अपना रुख पेश करते हुए मोदी ने चीन से अपनी विस्तारवादी मानसिकता को छोड़ने को कहा। यह भी स्पष्ट किया कि दुनिया की कोई ताकत भारत से अरुणाचल प्रदेश को नहीं छीन सकती।

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    सिलचर की रैली में मोदी ने कहा, 'असम बांग्लादेश के और गुजरात पाकिस्तान के निकट है। यहां के लोग बांग्लादेश के कारण परेशान हैं जबकि पूरा पाकिस्तान मुझसे परेशान है।' उन्होंने सरकार पर विस्थापित हिंदुओं के शरणार्थी शिविरों में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि वह विकास के वादे को पूरा नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में अगर हिंदू पर अत्याचार होगा तो वह कहां जाएगा। हमें उनकी व्यवस्था करनी होगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ असम उनका भार उठाए। उन्हें अन्य जगहों पर भी बसाना होगा। उन्होंने चुनाव आयोग से भी इन लोगों को संदिग्ध वोटर के दायरे से बाहर कर मतदान का अधिकार देने की मांग की। बांग्लादेश घुसपैठियों को बाहर निकालने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि वे राजनीतिक कारणों से यहां आते हैं और स्थानीय लोगों के रोजगार छीन लेते हैं। इन लोगों को वहीं भेज देना चाहिए जहां से ये आए हैं। चाय बागानों के कर्मचारियों खस्ताहाल का जिक्र करते हुए उन्होंने भरोसा दिया कि उनकी सरकार बनी तो इन कर्मचारियों की बेहतरी के लिए नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जब वह राज्य में आते हैं तो मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की नींद उड़ जाती है।

    अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि चीन को अपनी विस्तारवादी नीति को छोड़ देना चाहिए और दोनों देशों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा बना रहेगा। कोई भी शक्ति इसे हमसे नहीं छीन सकती है। उन्होंने कहा कि इस बार देश में विकास का सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश से होगा। गुजरात का अरुणाचल प्रदेश से गहरा रिश्ता है। उन्होंने दिल्ली में हुई नीडो तानिया की मौत का भी जिक्र किया। अरुणाचल के लोगों की हिम्मत की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि यहां के लोग अकेले दम पर चीन के खिलाफ डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल स्विट्जरलैंड से कम नहीं है। उन्होंने प्रदेश के लिए विकास के लिए तीन एच (हर्बल, हार्टीकल्चर, हैंडीक्राफ्ट्स) का मॉडल पेश किया है।

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    असम में

    -जहां लक्ष्मी होती है वहां खुशहाली होती है। हम पूर्वोत्तर में लक्ष्मी और सरस्वती दोनों चाहते हैं। लेकिन अगर लक्ष्मी आती हैं तो वह कहां विराजेंगी। आप जानते हैं कि लक्ष्मी कमल पर विराजती हैं और खुशहाली के लिए कमल को सत्ता में लाना होगा।

    -चुनाव के बाद देश कांग्रेस मुक्त हो जाएगा। विकास का नया रास्ता खुलेगा। देश में 60 साल सहा है लेकिन आप मुझे 60 महीने दीजिए मैं आपके सपनों और अपेक्षाओं को हकीकत में बदल दूंगा।'

    -बांग्लादेश से दो तरह के लोग आते हैं। एक वोट बैंक राजनीति की साजिश के तहत तो दूसरे पड़ोसी देश में अत्याचार के कारण।

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    अरुणाचल में

    अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है। मैं इस मिट्टी की शपथ लेता हूं कि मैं राज्य को न तो समाप्त होने दूंगा और न ही टूटने या झुकने दूंगा।

    यह वीरों की भूमि है। यहां के लोग अकेले दम पर चीन की दादागिरी का डटकर मुकाबला करते हैं और शान से जयहिंद बोलते हैं।

    तीन देशों के साथ सीमाएं लगने के कारण भौगोलिक दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश बहुत संवेदनशील है। राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए देश की सुरक्षा के लिए बहुत सारे कदम उठाने की जरूरत है।