पीएम मोदी और राहुल गांधी सहित कई नेता आतंकियों की हिटलिस्ट में
आज भी देश में ऐसे कई बड़े नेता हैं जो हर समय आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। एक छोटी सी चूक आतंकियों को उनके खतरनाक मंसूबों में सफल बना सकती है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। ऐसे में खुद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बाद भारत ही सबसे ज्यादा आतंकवादी गतिविधियों का शिकार रहा है। भारत में 26/11 मुंबई हमला, 1993 मुंबई धमाके और संसद पर हमले जैसे बड़े-बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं। आतंकी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और इंदिरा गांधी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह जैसे नेताओं की भी उनके पद पर रहते हुए जान ले चुके हैं।
आज भी देश में ऐसे कई बड़े नेता हैं जो हर समय आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। एक छोटी सी चूक आतंकियों को उनके खतरनाक मंसूबों में सफल बना सकती है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने jagran.com से विशेष बातचीत में कहा कि परसेप्शन के हिसाब से वे लोग आतंकियों के निशाने पर होते हैं जो आतंकियों के लिए खतरा होते हैं। उन्होंने कहा, 'अगर आप अलकायदा, ISIS, हरकत-उल-अंसार आदि आतंकवादी संगठनों की वेबसाइट पर जाएं तो जितनी गाली नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, उमा भारती, शिवराज चौहान, साध्वी प्राची आदि को मिली हैं उतनी किसी को नहीं मिली होंगी।'
आइए देखें आज की तारीख में कौन वे नेता हैं जो आतंकियों की हिटलिस्ट में टॉप पर हैं।
नरेंद्र मोदी
देश के प्रधानमंत्री होने के नाते नरेंद्र मोदी आतंकियों की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य में आतंकवाद को सिर उठाने का कतई मौका नहीं दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के फन को कुचलने के लिए पीओके स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके जो दम दिखाया है उससे आतंकी तिलमिलाए हुए हैं। इसके अलावा नोटबंदी ने आतंकियों की कमर तोड़कर रख दी है। आतंक के खिलाफ सख्त रुख रखने वाले पीएम मोदी निश्चत तौर पर आतंकियों की हिटलिस्ट में टॉप पर हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह भी पीएम मोदी को आतंकियों की हिट लिस्ट में चोटी पर मानते हैं। वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी आतंकियों की लिस्ट में पीएम मोदी से साथ चोटी पर देखते हैं।
राजनाथ सिंह
केंद्र की मोदी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले गृहमंत्री राजनाथ सिंह पिछले तीन साल से आतंकवादियों और नक्सलियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रहे हैं। गृहमंत्री के इन कड़े कदमों से तिलमिलाए आतंकी और नक्सली उन्हें किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने के लिए हरदम तैयार रहते हैं। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह कहते हैं कि जिन्होंने आक्रामक होकर, पलायन न करके आतंकियों की आंख में आंख डालकर देखा है वे आतंकियों की हिट लिस्ट में आते हैं।
योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कट्टर छवि के लिए जाने जाते रहे हैं। हालांकि देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने ऐसे तेवर नहीं दिखाए हैं। कुछ लोगों ने उनकी छवि मुस्लिम विरोध भी बना दी है, जिसके कारण वे अक्सर आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। विक्रम सिंह कहते हैं जो आतंकियों और उनके आकाओं को प्रतिउत्तर देते हैं वे हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहते हैं।
सोनिया गांधी
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी देश में समूचे विपक्ष को एकजुट किए रहती हैं। उनको होने वाले किसी भी तरह से नुकसान से देश में अस्थिरता पैदा हो सकती है, इसलिए वह भी आतंकियों के निशाने पर रहती हैं। सोनिया गांधी के पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जान भी आतंकी घटना में ही गई थी। यही नहीं उनकी सास व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उनके ही सुरक्षा गार्डों ने गोली मार दी थी। यूपी के पूर्व डीजीटी विक्रम सिंह हालांकि सोनिया गांधी को अब आतंकियों की लिस्ट में नहीं मानते हैं।
उमा भारती
एक समय भाजपा की फायर ब्रांड नेता मानी जाने वाली उमा भारती भी आतंकियों के निशाने पर रहती हैं। उनकी छवि भी कट्टर हिन्दूवादी नेता की रही है, इसलिए उनका आतंकियों की हिटलिस्ट में होना किसी को नहीं चौंकाता है।
अरुण जेटली
देश के वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली पर मोदी सरकार का बहुत भार है। एक तरह से वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाद सरकार में सबसे ज्यादा कद्दावर नेता हैं। रक्षा मंत्री के साथ ही कई महत्वपूर्ण पद होने के कारण अरुण जेटली आतंकियों की हिट लिस्ट में शामिल हैं।
मनोहर पर्रीकर
पूर्व रक्षामंत्री और अब गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर भी आतंकियों की हिटलिस्ट में चोटी के कुछ लोगों में शामिल हैं। पर्रीकर ने रक्षामंत्री रहते हुए आतंकियों के फन को कुचलने में कोई कोताही नहीं बरती और वे हमेशा आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के हिमायती रहे हैं। पर्रीकर के इसी स्वभाव के चलते वह आतंकियों के निशाने पर रहते हैं।
रमन सिंह
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह नक्सलियों की हिटलिस्ट में चोटी पर हैं। नक्सलियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने और नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की रोशनी पहुंचाकर स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने को लेकर वे हमेशा नक्सलियों के रडार पर रहते हैं। सलवा जुडूम जैसी नक्सल विरोधी गतिविधियों के कारण भी नक्सली उनके खिलाफ सख्त हैं।
राहुल गांधी
कांग्रेस के युवराज, पार्टी उपाध्यक्ष और भविष्य के प्रधानमंत्री माने जाने वाले राहुल गांधी भी आतंकियों की हिटलिस्ट में ऊपर हैं। उनको होने वाले किसी भी तरह से नुकसान का असर समस्त देश पर पड़ेगा। शायद इसी लिए वह आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। राहुल गांधी अपने पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी को आतंकी घटना में ही खो चुके हैं।
बाबा रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव भी राष्ट्रवादी व्यक्ति हैं और आतंकियों के लिए इतनी वजह काफी है उनको नुकसान पहुंचाने के लिए। इसके अलावा रामदेव केंद्र की मोदी सरकार के प्रशंसक, आतंकवाद और नक्सल के विरोध में अक्सर बोलते हुए दिखते हैं। यही नहीं आतंकियों को उनके योग प्रचार और पतंजलि के उत्पादों को लेकर भी दिक्कत है। हालांकि यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बाबा रामदेव को भी इस लिस्ट में नहीं मानते। उन्होंने कहा, बाबा रामदेव आतंकवादियों की नहीं अपने बिजनेस के चलते दूसरी एफएमसीजी कंपनियों की लिस्ट में होंगे।
इस लिस्ट में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, साध्वी प्राची, जम्मू-कश्मीर में भाजपा नेता जुगल किशोर शर्मा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे कई अन्य बड़े नेता भी शामिल हैं। तमाम हाइप्रोफाइल नेताओं को जिन्हें वीवीआईपी कहा जाता है या जिन पर किसी तरह का आंतकी खतरा होता है, उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी जाती है।
ऐसे तय होती है सुरक्षा की श्रेणी
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि जीवन भय के आंकलन के आधार पर सुरक्षा दी जाती है। गयूर हसन बनाम यूपी सरकार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यवस्था दी है। इसमें जीवन भय का आकलन होता है। इस आकलन में आईबी के अधिकारी होते हैं, इंटेलिजेंस के डीजी, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारी होते हैं। इसमें एक-एक व्यक्ति के जीवन भय का आकलन होता है। इसके आधार पर ही सुरक्षा की श्रेणी तय होती है। जिनता गंभीर खतरा होता है उतनी ही ऊंची सुरक्षा प्रदान की जाती है। भारत में सबसे ऊंची एनएसजी सुरक्षा देश के प्रधानमंत्री, उनका परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री को दी जाती है।
1 फीसद सफल हो गए तो आतंकी मचा देंगे कोहराम
पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर से आयरलैंड के उग्रवादियों ने कहा था कि आज हम 99 फीसद फेल हैं और आप 100 फीसद भाग्यशाली हैं। जिस दिन आपका भाग्य एक फीसद कम होगा और हम एक फीसद भाग्यशाली हो जाएंगे, उस दिन खेल खत्म हो जाएगा। दरअसल इसमें आतंकवादियों ने उनसे कहा कि अगर भाग्य ने हमारा साथ एक फीसद दिया और आपका 99 फीसद रह गया तो भी जीत हमारी होगी, क्योंकि उस दिन आप 100 फीसद भाग्यशाली नहीं होंगे।