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    हम एक धर्मनिर्पेक्ष देश, इस्लामिक बैंक की कोई योजना नहीं- मुख्तार अब्बास नकवी

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Sun, 26 Nov 2017 02:38 PM (IST)

    आरबीआई ने इसी तर्क का हवाला देते हुए देश में इस्लामी बैंकिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

    हम एक धर्मनिर्पेक्ष देश, इस्लामिक बैंक की कोई योजना नहीं- मुख्तार अब्बास नकवी

    नई दिल्ली, एएनआई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में ऐसी किसी बैंकिंग व्यवस्था की कोई जगह नहीं है।

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    नकवी ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां की मौजूदा बैंकिंग व्यवस्था सभी के लिए है। देश में इस्लामी बैंकिंग को लागू करने की कोई योजना नहीं है।

    गौरतलब है कि आरबीआई ने इसी तर्क का हवाला देते हुए देश में इस्लामी बैंकिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा था कि सभी नागरिकों के बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस्लामिक बैंक या शरिया बैंक इस्लाम के सिद्धांत के आधार पर काम करता है, जिसमें ब्याज नहीं वसूला जाता है।

    इससे पहले आरबीआई ने आरटीआई कानून की धारा 8 (1)(सी) का हवाला देते हुए इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया था। आरटीआई के जवाब में कहा गया कि देश के सभी नागरिकों को उपलब्ध बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता के आधार पर इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला लिया गया है।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त को जन-धन योजना का ऐलान किया था। जन-धन योजना का ऐलान देश के सभी नागरिकों को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाने के लिए किया था।

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